दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी, दो हफ्तों में पकड़े पांच ऐसे ठग जो खुद को बताते थे बड़े नेता का करीबी
दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी, दो हफ्तों में पकड़े पांच ऐसे ठग जो खुद को बताते थे बड़े नेता का करीबी

दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी, दो हफ्तों में पकड़े पांच ऐसे ठग जो खुद को बताते थे बड़े नेता का करीबी

पिछले दो हफ्ते में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने करीब पांच ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो खुद को बड़े नेता का करीबी या उनका पर्सनल स्टाफ बन कर लोगों से ठगी किया करते थे. इसी कड़ी में अब पुलिस ने रितेश तिवारी (Ritesh Tiwari) नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो खुद को बड़े नेता के पीएस का करीबी बताता है और उसने कई लोगों को झांसे दिए कि वह उनका रुका हुआ काम करवा देगा. दरअसल रितेश तिवारी के बारे में दिल्ली पुलिस को एक शिकायत मिली, जब इस सूचना के आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई गई तो दो और शिकायतें आईं, जिसमें यह बताया गया कि रितेश तिवारी अपने कुछ गैंग मेंबर्स की सहायता से लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी का काम कर रहा है. लोगों को करोड़ों का लोन दिलाने के नाम पर ठगी पुलिस के मुताबिक एक व्यक्ति जिसे उसने 25 करोड़ रुपए का लोन दिलाने का भरोसा जताया था और स्टाम्प ड्यूटी के नाम पर 12 लाख रुपए ठग लिए. उसने दिल्ली पुलिस को इस बाबत एक शिकायत दी. इसी तरह एक व्यक्ति ने यह शिकायत दी कि इसी गैंग के सदस्यों ने उन्हें भी 50 करोड़ का लोन दिलाने के नाम पर 32 लाख रुपए ठग लिए. इन शिकायतों के ऊपर केस दर्ज किए गए और आगे की जांच की गई. तफ्तीश के दौरान यह पता चला की रितेश तिवारी जो कि सिविल लाइंस इलाके का निवासी है. अपने कुछ मित्रों की मदद से ठगी का काम कर रहा है. फार्म हाउस पर पूरे सेटअप के साथ चलता था ठगी का धंधा इस गैंग ने एक फार्म हाउस किराए पर लेकर वहां एक सेटअप तैयार किया हुआ, जहां बाउंसर रखे गए और लोगों की तलाशी के इंतजाम किए गए. जो लोग वहां लाए जाते थे उनको यह झांसा दिया जाता था कि यह एक महत्वपूर्ण व्यक्ति का निवास स्थान है और ठगे गए लोगों की लोन संबंधी बातें कर ली गई हैं. उसके बाद स्टाम्प पेपर खरीदने के नाम पर उनसे कुछ पैसे ठग लिए जाते थे, जैसा कि बताया गया एक शिकायतकर्ता से 12 लाख और दूसरे से 32 लाख रुपए इसी तरह से ठग लिए गए. गैंग के पांच सदस्य हुए गिरफ्तार दिल्ली पुलिस ने इस गैंग के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनका नाम पता इस प्रकार मालूम चला. रितेश तिवारी इस गैंग का सरगना है और क्लब रोड सिविल लाइंस इलाके में रहता है. यह अपने आप को एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के रूप में पेश करता है और लोगों को यह झांसा देता है कि उनका काम करा देगा. एक फॉर्च्यूनर दो नकली एस्कॉर्ट साथ लेकर चलता था तिवारी इस काम के लिए एक फॉर्च्यूनर गाड़ी रखी हुई है. साथ में दो जिप्सी जिसमें बाउंसर पायलट और एस्कॉर्ट में चलते हैं. अजय जैन जो इसका साथी है वह किसी वित्तीय संस्था में कार्य करता है और पिछले कुछ समय से राकेश तिवारी के साथ कार्य कर रहा है. भास्कर नाथ एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी का बेटा है और पिछले कुछ दिनों से रितेश तिवारी के गैंग में काम कर रहा है. अमन कश्यप एक प्रॉपर्टी डीलर है और पिछले 12 सालों से रितेश तिवारी से परिचित है. करीब 3 सालों से यह रितेश के साथ इस कार्य में जुड़ा हुआ है. कांग्रेस दफ्तर का एक क्लर्क भी शामिल इसके अलावा भीम पंडित कांग्रेस के 24 अकबर रोड स्थित कार्यालय में एक क्लर्क का काम करता है और अपने आप को कई वरिष्ठ नेताओं का करीबी बताता है. इस गैंग के कुछ अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाना बाकी है. अब तक इनसे एक फॉर्च्यूनर कार,दो जिप्सी और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं.-newsindialive.in

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