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अवैध पैथोलॉजी लैब पर रोक लगाए दिल्ली सरकार: हाईकोर्ट

नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वो दिल्ली में अवैध रूप से चल रहे पैथोलॉजिकल लेबोरेटरी पर रोक लगाए। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर 7 अप्रैल को अंतिम सुनवाई करने का आदेश दिया। आज सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वो दिल्ली में चल रहे अवैध लेबोरेटरी पर रोक लगाए। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। पिछले 6 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका बिजॉन कुमार मिश्रा ने दायर की है। याचिका में दिल्ली सरकार के हेल्थ बिल 2019 और क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 2010 को तुरंत लागू करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में अवैध पैथोलॉजिकल लेबोरेटरी निर्बाध रूप से चल रही हैं। इन अवैध लेबोरेटरी से दिल्ली की आम जनता के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो सकता है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील शशांक सुधी देव ने कहा कि हाईकोर्ट ने 30 नवंबर, 2018 को अपने आदेश में दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कार्रवाई करे। इसके बावजूद दिल्ली में अवैध रूप से पैथोलॉजिकल लेबोरेटरी और डायग्नोस्टिक सेंटर्स चल रहे हैं। इन लेबोरेटरी के फर्जी रिपोर्ट का शिकार आम जनता होती है। इसकी वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है और कई बार तो उनकी मौत तक हो जाती है। याचिका में एक पैथोलॉजिकल लेबोरेटरी का जिक्र किया गया है, जिसमें एक डॉक्टर अपने सहयोगी की मदद से कोरोना की फर्जी टेस्ट रिपोर्ट जारी करने का रैकेट संचालित करता है। उस डॉक्टर ने करीब 75 लोगों की फर्जी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट बनाई थी। उस डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ऐसे ही कई फर्जी लेबोरेटरी दिल्ली में खुलेआम चल रही हैं। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने फर्जी लेबोरेटरी पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाये हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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