Dedicated Freight Corridor will bring speed to transport goods from UP to ports: Yogi Adityanath
Dedicated Freight Corridor will bring speed to transport goods from UP to ports: Yogi Adityanath

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से उप्र के माल को बंदरगाहों तक पहुंचाने में आएगी गति: योगी आदित्यनाथ

- कहा, औद्योगिक विकास का बनेगा नया माहौल, लॉजिस्टिक क्षेत्र में नए अवसर होंगे सृजित लखनऊ, 29 दिसम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के पहले मालगाड़ियों की जो औसत गति मात्र 25 किलोमीटर प्रति घंटा थी, वह अब बढ़कर 75 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से प्रदेश के माल को बंदरगाहों तक पहुंचाने की एक नई गति देगी। इसके साथ ही इससे उत्तर प्रदेश के न केवल खाद्यान्न को समय पर पहुंचाने में मदद मिलेगी, बल्कि यहां के औद्योगिक विकास की दृष्टि से एक नया माहौल बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के 'न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा सेक्शुन' का उद्घाटन करने से पहले अपने सम्बोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आवागमन के त्वरित साधन की दृष्टि से भारतीय रेल का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे लिए आज का यह दिन महत्वपूर्ण इसलिए भी है, क्योंकि प्रधानमंत्री के कर कमलों से डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का जो पहला खंड आज राष्ट्र को समर्पित हो रहा है, यह प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए इस फ्रेट कॉरिडोर के महत्व को समझा जा सकता है। हमारे लिए इसलिए भी यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का जो 75 प्रतिशत भाग उत्तर प्रदेश से गुजरता है। उत्तर प्रदेश में ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन भी है, जो प्रदेश स्थित औद्योगिक इकाइयों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। साथ ही लॉजिस्टिक क्षेत्र में भी हमें नए अवसर सृजित करने का एक अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि बीते 11 साल से चल रही इस परियोजना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जो गति बीते पांच-छह वर्षों के दौरान आई है, यह अभूतपूर्व है। और इस गति के कारण ही न केवल यह फ्रेट कॉरिडोर अपने समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ेगा, बल्कि इसका लाभ देश के एक बड़े भूभाग को प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कोरोना संक्रमण काल में भारतीय रेल के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि रेलवे ने लगभग 40 लाख प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को सुरक्षित तरीके से उत्तर प्रदेश के अंदर पहुंचाने में अभूतपूर्व योगदान दिया। इससे रेल और शासकीय व्यवस्था के प्रति एक नया विश्वास अंतिम पायदान पर खड़े नागरिक के मन में पैदा हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए हर्ष का विषय है कि भारतीय रेलवे की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस तथा भारतीय रेलवे की सबसे तेज ट्रेन 'वंदे भारत' भी उत्तर प्रदेश में संचालित हुई थी। प्रदेश के अंदर विगत चार वर्षों के दौरान मानव रहित संपर्क फाटक तेजी से हटाए गए हैं, जिसके कारण बड़ी संख्या में जानमाल की हानि को रोकने में मदद मिली है। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता जताई कि प्रदेश के अंदर करीब छह हजार से अधिक वर्तमान में नई लाइन हैं, आमान परिवर्तन की परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनके पूरे होने पर प्रदेशवासियों को बेहतर और सुलभ रेल यातायात का लाभ मिलेगा। माल गाड़ियों की गति में भी सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि रेलवे की जो प्रोडक्शन यूनिट है, वह प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों के साथ अपना संवाद बनाकर उन्हें भी अपना सान्निध्य प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की ये एमएसएमई यूनिट एक नई स्फूर्ति के साथ आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/बच्चन-hindusthansamachar.in

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