decision-to-increase-17-percent-stipend-of-junior-doctors-in-mp
decision-to-increase-17-percent-stipend-of-junior-doctors-in-mp

मप्र में जूनियर डॉक्टरों का 17 फीसदी स्टायपेंड बढ़ाने का फैसला

भोपाल, 3 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश सरकार ने जूनियर डॉक्टरों के स्टायपेंड में 17 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया है। साथ ही महंगाई के साथ इनके स्टायपेंड में आगे भी बढ़ोतरी जारी रहेगी। जूनियर डॉक्टर इस समय अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। हड़ताली जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की गई है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। एक तरफ कोरोना महामारी के मरीज अस्पतालों में हैं, तो वहीं ब्लैक फंगस के मरीज भी सामने आ रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त निशांत वरवड़े ने बताया है कि जूनियर डॉक्टर्स के स्टायपेंड में 17 प्रतिशत की वृद्धि मान्य की गई है। जल्द ही इसके आदेश जारी हो जाएंगे। प्राइस इंडेक्स के तहत इसमें आगे भी बढ़ोतरी की जाएगी। स्टायपेंड के अलावा इनके लिए चिकित्सा छात्र बीमा योजना भी लागू की जा रही है। उन्होंने आगे बताया कि नेशनल मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइन के अनुसार डॉक्टरों का कार्य बहुत ही पवित्र है। इनका मुख्य उद्देश्य इनाम या वित्तीय लाभ प्राप्त करना नहीं, बल्कि मानवता की सेवा करना है। कानून सभी के लिए बराबर और समान है। वरवड़े ने बताया कि अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्नता अधिनियम-1979 आवश्यकतानुसार अनेक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी लगाया जाता है। जूनियर डॉक्टरों से अपेक्षा है कि वे मरीजों का उपचार जारी रखें। यह उनका नैतिक दायित्व भी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की संचालक डॉ. उल्का श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टर अपनी इच्छानुसार पी.जी. करने के लिए मेडिकल कॉलेज का चयन करते हैं। मेडिकल कॉलेज का चयन करते समय उन्हें मालूम रहता है कि उन्हें कितना स्टायपेंड मिलेगा। डॉक्टरों को पी.जी. के दौरान प्रैक्टिकल के लिए भी मरीजों का उपचार करना जरूरी है। कोरोना जैसी महामारी में सेवाभाव से डॉक्टरों को जल्द काम पर वापस आना चाहिए। --आईएएनएस एसएनपी/एसजीके

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in