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उत्तराखंड में ऋषिगंगा नदी पर बनी झील से जल रिसाव के बाद खतरा टला : सतपाल महाराज

देहरादून, 13 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड के पर्यटन, सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने आज यहां कहा कि जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने की त्रासदी के बाद ऋषि गंगा नदी पर बनी झील से अब पानी का रिसाव शुरू हो गया है, इसलिए हमें डरने की आवश्यकता नहीं है। बकौल सतपाल महाराज रैणी गांव से करीब 9 किलोमीटर ऊपर पचली गांव के पास ऋषि गंगा नदी पर मलबा जमा होने के बाद बनी झील से अब धीरे धीरे पानी का रिसाव शुरू हो गया है। इसलिए अब डरने की आवश्यकता नहीं है। सरकार टनल में फंसे व्यक्तियों को ढूंढने का लगातार प्रयास कर रही है। सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है। जोशीमठ-मलारी हाइवे पर रैणी गांव के निकट ऋषि गंगा की आपदा में पुल बह जाने के बाद अब यहां पर वैली ब्रिज लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। ऋषि गंगा और अलकनंदा पर बने पुलों के बहने से ग्रामीण क्षेत्रों की आवाजाही को ट्राली के माध्यम से फिर से शुरू किया जा चुका है। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वाडिया भूगर्भ के विज्ञानी रिमोट सेंसिग के माध्यम से झील की पल-पल की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। ऋषि गंगा कृत्रिम झील पर ड्रोन के माध्यम से भी नजर रखने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी, कर्मचारी और एजेंसियां बचाव कार्य में लगी हैं, वे सभी आपदा में फंसे लोगों के परिजनों की मनोस्थिति को समझते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को अंजाम दें। उन्होंने कहा कि झील से पानी का रिसाव प्रारम्भ होना इस बात का संकेत है कि अब खतरा टल गया है और निश्चित रूप हम कह सकते हैं कि एक दो दिन में स्थित सामान्य भी हो जायेगी। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के चमोली जिलान्तर्गत जोशीमठ ब्लॉक में रैणी गांव के निकट पिछले रविवार को ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषिगंगा, धौलीगंगा और अलकनंदा नदियाें का जलस्तर अचानक बढ़ गया था, जिससे इनके तटीय इलाकों में व्यापक स्तर पर तबाही हुई। अबतक कुल 38 शव मिल चुके हैं और 12 लोगों को बचाया जा चुका है। तपोवन के पॉवर प्लांट में एक टनल में फंसे 35 से अधिक लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू आपरेशन जारी है। अन्य इलाकों में भी राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। उधर, रैणी गांव के ऊपर के हिस्से में एसडीआरएफ व दूसरी एजेंसियों को करीब 350 मीटर एक झील के बारे में पता चला है, जिससे पानी का रिसाव हो रहा है। चूंकि अब इस झील से पानी का रिसाव शुरू हो गया है, इसलिए यह माना जा रहा है, अब खतरा टल गया है। हिन्दुस्थान समाचार/दधिबल /रामानुज-hindusthansamachar.in

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