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तृणमूल की हिंसा में माकपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी बनाया गया निशाना

-माकपा के सीताराम येचुरी, कांग्रेस के शशि थरूर और जितिन प्रसाद ने की निंदा -राहुल. प्रियंका ने साधी चुप्पी नई दिल्ली, 04 मई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद कथित रुप से तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं, उनके घरों और संपत्ति पर हमलों की मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस पार्टी और राज्य में नवगठित इंडियन सेक्यूलर फ्रंट ने कड़ी निंदा की है। वहीं, हिंसा की इन घटनाओं पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ ही इन पार्टियों के नेताओं ने हिंसा के लिए निवर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के अन्य नेताओं को कटघरे में खड़ा किया है। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी राज्य में हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता विजय मनाने के सिलसिले में जघन्य हिंसा पर उतारु हैं। यह निंदनीय है। इन हिंसक कार्यवाहियों का विरोध और प्रतिकार किया जाना चाहिए। येचुरी ने राज्य माकपा की ओर से पोस्ट किए गए चित्रों के साथ एक ट्वीट में कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी ने कोरोना महामारी से लड़ने की बजाय हिंसा का तांडव कर रही है। माकपा महासचिव ने कहा कि उनकी पार्टी लोगों का सुरक्षा और उनकी सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य सुभाषिनी अली ने एक विधानसभा चुनाव में भारी विजय हासिल करने के बाद तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों के खिलाफ हिंसा पर उतारु है। उन्होंने कहा कि पार्टी की महिला शाखा ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमंस एसोसिएशन की कार्यकर्ता कामरेड काकोली छेत्रपाल की वर्धमान जिले के जमालपुर में उनके घर पर नृशंस हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से उन्हें किसी इंसाफ की उम्मीद नही है। तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ की जा रही हिंसा पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने कोई टिप्पणी नही की है। लेकिन, पार्टी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों शशि थरूर और जितिन प्रसाद ने हिंसक घटनाओं की निंदा की है। जितिन प्रसाद ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य के लोगों ने ममता बनर्जी को अराजकता के लिए वोट नहीं दिया है। जितिन प्रसाद ने पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के एक ट्वीट को भी साझा किया। एनएसयूआई के राज्य अध्यक्ष सौरभ प्रसाद ने एक ट्वीट में कहा था कि ममता बनर्जी राजनीतिक हिंसा का सहारा ले रही हैं। तृणमूल के गुंडों ने छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं को हिंसा का निशाना बनाया। गुंडों ने परिवार की महिलाओं और बच्चों की भी पिटाई की और घरों में तोड़फोड़ की। कांग्रेस के एक अन्य नेता शशि थरूर ने पश्चिम बंगाल के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए एक ट्वीट में कहा कि हिंसा की रिपोर्टें विचलित करने वाली हैं।उन्हें आशा है कि ममता बनर्जी इस तरह की घटनाओं का समर्थन नहीं करेंगी तथा इन्हें अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। उन्होंने कहा कि जनता के जनादेश का इस तरह से माखौल नहीं बनाना चाहिए। वहीं, भाजपा ने विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमलों को गंभीरता से लेते हुए इसके खिलाफ देशव्यापी अभियान छेड़ने की घोषणा की है। अध्यक्ष जेपी नड्डा, विदेश राज्यमंत्री मुरलीधरन और भूपेन्द्र यादव ने आज पश्चिम बंगाल जाकर हिंसा के शिकार परिवारों से मुलाकात की। भाजपा बुधवार को देशव्यापी स्तर पर धरना आयोजित करेगी। पश्चिम बंगाल की हिंसा की घटनाएं मंगलवार को ट्विटर और फेसबुक सहित सोशल मीडिया पर छाईं रहीं। इसे लेकर “बंगालबर्निंग (बंगाल जल रहा है) और “अरेस्टममता (ममता को गिरफ्तार करो)” हैशटैग के साथ लोगों ने हिंसा के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत/सुफल

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