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कोर्ट ने टीएसआरटीसी को बदनाम करने वाले कमर्शियल पर रोक लगाने का निर्देश दिया

हैदराबाद, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। हैदराबाद की एक अदालत ने ऐप-आधारित बाइक टैक्सी एग्रीगेटर रैपिडो को राज्य के स्वामित्व वाले तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) को बदनाम करने वाले एक विज्ञापन के प्रसारण पर रोक लगा दी है। सिटी सिविल कोर्ट के 10वें जूनियर सिविल जज ने रैपिडो को अपनी वेबसाइटों पर प्रसारण, प्रसारण, स्ट्रीमिंग, पुनरुत्पादन, वितरण, जनता के लिए उपलब्ध कराने या विज्ञापन फिल्मों के मूल और संशोधित संस्करणों के बारे में जनता को सूचित करने से रोक दिया। यह विज्ञापन राज्य के स्वामित्व वाली टीएसआरटीसी द्वारा संचालित बस सेवाओं के लिए मानहानिकारक माना जा रहा था। अदालत ने गूगल के ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब को वाणिज्यिक वीडियो के मूल और संशोधित संस्करण तक पहुंच को अवरुद्ध करने का भी निर्देश दिया। पिछले एक महीने से रैपिडो व्यापक रूप से विज्ञापन प्रसारित कर रहा है, जिसमें अभिनेता अल्लू अर्जुन को यह सुझाव देते देखा गया था कि टीएसआरटीसी बसों में यात्रा करना असहज और खतरनाक है। टीएसआरटीसी द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद रैपिडो ने विज्ञापन फिल्मों को थोड़ा संशोधित किया, लेकिन टीएसआरटीसी बस को प्रदर्शित करना जारी रखा। चूंकि उन्होंने विभिन्न चैनलों और यूट्यूब पर विज्ञापनों का प्रसारण बंद करने से इनकार कर दिया था, इसलिए टीएसआरटीसी ने राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। टीएसआरटीसी के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील के विवेक रेड्डी ने तर्क दिया कि रैपिडो निश्चित रूप से अपनी सेवाओं को बढ़ावा देने का हकदार था, लेकिन वह टीएसआरटीसी और सार्वजनिक परिवहन के बारे में अपमानजनक बयान देकर ऐसा नहीं कर सकता। उन्होंने तर्क दिया कि टीएसआरटीसी एक जिम्मेदार राज्य द्वारा संचालित निगम है, जो अपने यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई सावधानी बरतता है और इसके बारे में इस तरह के झूठे और अपमानजनक बयान देना कानून के खिलाफ है। टीएसआरटीसी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक वी.सी. सज्जनर ने आम जनता से टीएसआरटीसी को मजबूत करने की अपील की, क्योंकि यह हर दिन लाखों लोगों की परिवहन जरूरतों को पूरा करने वाला दशकों पुराना निगम है। उन्होंने कहा, यह हमारी सामाजिक संपत्ति है और हर किसी को इसे अपना मानना चाहिए और इसके कामकाज को सुचारु बनाए रखने में मदद करनी चाहिए और इसे किसी भी तरह से बदनाम नहीं करना चाहिए। --आईएएनएस एसजीके/आरजेएस

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