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मुंबई में तैयार हुआ देश का पहला स्पेशल जीरो ह्यूमन टच सैनिटाइजर व्हीकल

झुंझुनू, 16 जून (हि.स.)। अब तक कोरोना संक्रमण को दूर करने के लिए सैनिटाइजर का काम या तो पीठ पर प्लास्टिक कैन को लटकाकर फव्वारे के साथ या फिर फायर ब्रिगेड की गाड़ी में पानी के साथ हाइपो क्लोराइड डालकर फव्वारे के जरिए होता था, लेकिन अब देश का पहला स्पेशल सैनिटाइजर व्हीकल तैयार किया गया है। जिसकी सोच झुंझुनू से निकली और पहला व्हीकल भी झुंझुनू को समर्पित किया गया है। झुंझुनूं के पिलानी निवासी व मुंबई प्रवासी युवा उद्यमी डॉ. मधुसुदन मालानी के प्रयासों से देश का पहला स्पेशल सैनिटाइजर व्हीकल तैयार किया गया है, जो झुंझुनू पहुंच गया है। अब झुंझुनू में जहां भी कोरोना संक्रमण को दूर करने के लिए इसकी जरूरत होगी तो यह फ्री में मिल सकेगा। इस व्हीकल के मुंबई से झुंझुनू आने के बाद पिलानी के बिरला सार्वजनिक अस्पताल में इसका ट्रायल लेने के साथ इसे अनौपचारिक रूप से झुंझुनू जिले को समर्पित किया गया है। डॉ. मालानी ने इसे समर्पित करते हुए बताया कि जब वे कोविड सुरक्षा यात्रा पर निकले थे तक सफाईकर्मियों से बातचीत करते हुए उन्हें जानकारी मिली कि हाइपो क्लोराइड का छिड़काव करते वक्त कई लोगों को केमिकल ने प्रभावित किया है। लगातार छिड़काव करने वालों पर भी केमिकल ने प्रभाव छोड़ा है। साथ ही कर्मचारियों के मन में भी ऐसा डर बना रहता है कि कहीं ये केमिकल उनके शरीर को ना प्रभावित कर दें। ऐसे में इसके लिए उन्होंने अपनी मुंबई में संचालित कंपनी के विशेषज्ञों से बातचीत की। जिसके बाद यह विशेष सैनिटाइजर व्हीकल तैयार किया गया। जिसका नाम कोविड सुरक्षा रथ रखा गया। इसमें चारों ओर फव्वारे लगे हुए हैं। यह व्हीकल जिस भी रास्ते से गुजरेगा, उसे सैनिटाइज कर देगा। इसमें पाइप भी दी गई है, जिसमें मकान या दुकान सहित अन्य किसी जगह पर भी सैनिटाइजेशन का काम किया जा सके। डॉ. मालानी ने बताया कि मुंबई में स्थित कंपनी में यह विशेष सैनिटाइजर व्हीकल तैयार करवाया है, जो जीरो ह्यूमन टच है। यह व्हीकल बिरला सार्वजनिक अस्पताल से संचालित किया जाएगा। जहां भी, जिस भी गांव, मोहल्ले, ढाणी, कस्बे को सैनिटाइज करने की आवश्यकता होगी वह इसको फ्री में भेजेंगे और सैनिटाइज करवाएंगे। साथ ही प्रशासन के साथ भी संपर्क में रहते हुए कंटेनमेंट जोन या फिर अधिक संक्रमित इलाकों में आन डिमांड फ्री ये सेनिटाइजर व्हीकल भेजा जाएगा। हालांकि अभी पहले से कोरोना संक्रमण में राहत मिली है, लेकिन तीसरी लहर की चर्चाओं के बीच पूर्व तैयारियों और समय पर संक्रमित इलाकों को संक्रमण मुक्त करने में यह व्हीकल मील का पत्थर साबित होगा। डॉ. मधुसुदन मालानी ने बताया कि उनकी मुंबई स्थित कंपनी बिरला एग्रो मशीन फिलहाल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट का काम करती है। यह व्हीकल आसानी से संकरी गलियों में भी जा सकता है। यह पहला व्हीकल झुंझुनू में भेजा गया है। यदि जरूरत पड़ी तो और भी व्हीकल मंगवाए जाएंगे। लेकिन किसी भी हालात में झुंझुनूं को संक्रमण मुक्त बनाएंगे। डॉ. मालानी ने बताया कि यह विशेष कोविड सुरक्षा रथ झुंझुनू के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार को भी दिए गए हैं। जब प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा था तो कंपनी की बात सरकार से भी हुई और उन्हें भी ये व्हीकल काफी पसंद आया। समझौते के अनुसार पहले दौर पर 15 व्हीकल महाराष्ट्र सरकार को दिए जा रहे हैं। कोरोना काल में एक बड़े मददगार के रूप में पिलानी के डॉ. मधुसुदन मालानी सामने आए हैं। उन्होंने ना केवल सुरक्षा व भोजन यात्रा निकालकर मास्क, सैनिटाइजर और राशन किट बांटे हैं, बल्कि पिलानी और मुकुंदगढ़ में दो अस्थि विश्राम गृह स्थापित कर झुंझुनू के साथ-साथ सीकर और चूरू के लोगों को भी सुविधा दी है। इसके अलावा भी वे लगातार कोविड रोगियों और उनके परिजनों के लिए राहत दे रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार / रमेश सर्राफ/संदीप

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