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डीयू शैक्षणिक पद बैकलॉग दूर करने से पहले जारी हो शुद्धिपत्र : शिक्षक संगठन

दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। यूजीसी व दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति को पत्र लिखकर मांग की गई है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एससी, एसटी, ओबीसी कोटे के शिक्षकों का बैकलॉग पदों को भरने से पहले विश्वविद्यालय और विभिन्न कॉलेज कोरिजेंडम ( शुद्धिपत्र ) देकर बैकलॉग पदों के विज्ञापन निकाले। डीयू में फरवरी 2017 में विभिन्न विभागों में 830 पदों के विज्ञापन निकाले गए थे। इन पदों में सहायक प्रोफेसर, सामान्य के 187, एससी 55, एसटी29, ओबीसी 100, पीडब्ल्यूडी 07 के पद शामिल हैं। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा जो सकरुलर जारी किया गया हैं, उन पदों पर नियुक्ति करने से पहले पुराने विज्ञापनों के आधार पर निकाले गए पदों की समय सीमा समाप्त हो गई है। उन पदों को भरने के लिए विश्वविद्यालय और कॉलेजों को पहले कोरिजेंडम ( शुद्धिपत्र ) देकर बैकलॉग पदों के विज्ञापन निकाले। उन्होंने यह भी मांग की है कि एससी, एसटी के शिक्षकों का बैकलॉग 2 जुलाई 97 से व ओबीसी कोटे के शिक्षकों का बैकलॉग 21 मार्च 2007 से देते हुए सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति कर भरा जाए। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने विभागों में खाली पड़े सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों पर स्थायी नियुक्ति करने संबंधी विज्ञापन निकाले थे। इसके बाद वर्ष 2019 में लगभग दो दर्जन कॉलेजों ने स्थायी नियुक्तियों के विज्ञापन निकाले। इनमें 1700 पद विज्ञापित किए गए लेकिन इन पदों पर आज तक नियुक्ति नहीं हुई। संभावना जताई जा रही है कि इस महीने भर्ती के लिए कॉलेजों के नए विज्ञापन आ सकते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने रोस्टर पास करने के बाद कॉलेजों को स्थायी नियुक्तियों के विज्ञापन निकालने के लिए कहा है। यूजीसी भी खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय को कई बार लिख चुकी है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सकरुलर और केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की ऑन लाइन मीटिंग में स्पष्ट कहा है कि वे अपने यहाँ एससी, एसटी, ओबीसी कोटे के शिक्षकों का बैकलॉग मिशन मोड़ में क्लियर करें। बैकलॉग संबंधी निर्देश दिए जाने से एडहॉक टीचर्स में जहां एक तरफ खुशी का माहौल है वहीं दूसरी तरफ शिक्षक संगठन इसे चुनावी राजनीति से भी जोड़कर देख रहे हैं। शिक्षक संगठनों का कहना है कि जब-जब डूटा चुनाव आते हैं इस तरह के सकरुलर सरकार जारी करती है। उनका कहना है कि यदि सरकार की वास्तव में मंशा है तो इन्हें जल्द से जल्द भरें। डॉ. सुमन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक कुलपति को पत्र लिखकर बताया है की विभागों और कॉलेजों में वर्ष-2019 में शिक्षकों के परमानेंट अपॉइंटमेंट के लिए जो विज्ञापन निकाले थे उन विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। उनका कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेजों को पहले निकाले जा चुके पदों के संदर्भ में शुद्धिपत्र (कोरिजेंडम ) देना होगा, क्योंकि उन पदों को भरने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। साथ ही जिन उम्मीदवारों ने इन पदों को भरने के लिए पहले आवेदन शुल्क दे चुके हैं उनसे किसी प्रकार का शुल्क न लिया जाये। उन्होंने इन पदों को भरने के लिए जल्द से जल्द प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम

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