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कोरोना ऐसे भी ले रहा है जान, बढ़े खुदकुशी के मामले

अपनों के जाने का गम और तनाव के चलते बढ़े खुदकुशी के मामले इंदौर, 26 मई (हि.स.)। कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा खतरनाक रही और इसमें हजारों की संख्या में शहर में लोग महामारी की चपेट में आए हैं और अनेक लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंपवा बैठके हैं। इसके साथ ही महामारी की दूसरी लहर में कोरोना भावनात्मक तौर पर पूरे समाज पर कहर बरपा रहा है। इसके चलते कुछ परिवारों को दोहरे वज्रपात का सामना भी करना पड़ रहा है। जहां एक ओर इस महामारी कीचपेट में आकर लोग मौत का शिकार हुए हैं तो वहीं कोरोना ने दूसरे तरीके से भी लोगों की जान ली है। हाल ही में शहर में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें अपने के जाने के गम और कोरोना के कारण तनाव में आकर कुछ लोगों ने खुदकुशी जैसा खतरनाक कदम उठा लिया। देखा जाए तो इस बीमारी के कारण कितने की परिवार उजड़ गए हैं। केस 1 तिलक नगर थाना ... मां की मौत का गम सह नहीं सका बेटा तिलक नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले एक 26 वर्षीय अविसिंह चौहान और उसकी मां पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके बाद अवि तो ठीक हो गया, पर उसकी मां की मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही वो डिप्रेशन में था, जिसके बाद उसने अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ल, घटना के समय घर पर कोई नहीं था. अवि की पत्नी भी मायके गई थी। पुलिस ने बताया कि अवि ने पहले अपने मौसेरे भाई रोमिल निवासी राजेंद्र नगर को फोन लगाया। उसने कहा- मैं मां की मौत से सदमे में आ चुका हूं। फांसी लगा रहा हूं। यही बात उसने अपनी पत्नी को भी फोन पर कही। इस बीच पत्नी ने घबराकर रोमिल को फोन लगाया और पूरी बात बताई। थोड़ी देर बाद अवि का फोन रिसीव होना बंद हो गया। रोमिल उसके घर पहुंचा और पुलिस को सूचना दी। अंदर से दरवाजा बंद था। जब दरवाजा तोड़ा तो वह फंदे पर लटक रहा था। केस - 2 राजेंद्र नगर थाना ... पति की मौत के बाद प्रोफेसर पत्नी ने लगा ली फांसी कोविड-19 से पति की मौत के सदमे में 34 वर्षीय प्रोफेसर ने कथित तौर पर फांसी लगाकर जान दे दी। राजेंद्र नगर पुलिस ने बताया कि बिजलपुर क्षेत्र में रहने वाले 35 वर्षीय पवन पंवार की एक निजी अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दौरान बीते 28 अप्रैल की सुबह मौत हो गई. वह 19 अप्रैल से अस्पताल में भतीज़् थे। पंवार की पत्नी नेहा पंवार (34 वर्ष) को जब पति की मौत की जानकारी मिली, तो वह सदमे में अस्पताल से सीधे घर आईं और अपने गले पर दुपट्टा बांधकर पंखे से लटकते हुए फांसी लगा ली। नेहा शहर के एक निजी कॉलेज में प्रोफेसर थीं, जबकि महामारी के शिकार उनके पति का वन विभाग के डिप्टी रेंजर पद पर चयन हो चुका था। हालांकि, महामारी के प्रकोप के कारण वन विभाग में उनका प्रशिक्षण सत्र रद्द हो गया था और वह इस पद को विधिवत संभाल नहीं सके थे। केस 3 तुकोगंज थाना ... फोटो खुशबू के नाम से ... पति की मौत, पत्नी अस्पताल की छत कूद गई तुकोगंज थानांर्गत शैल्बी अस्पताल में गत दिनों दिल दहला देने वाली घटना हो गई। कोरोना संक्रमण का इलाज करवा रहे पति की मौत की खबर मिलते ही 35 वर्षीय पत्नी अस्पताल पहुंची और नौवीं मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी। पुलिस के अनुसार मृतका 35 वर्षीय खुशबू जैन निवासी 159 ए आशीष नगर है। खुशबू खुद भी संक्रमित थीं और घर पर ही इलाज करवा रही थीं। प्रॉपर्टी ब्रोकर पति राहुल का 24 अप्रैल से हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। चार दिन बाद उसकी मौत हो गई। खुशबू को राहुल की मौत का पता चला तो अस्पताल पहुंचीं। यहां पति का शव देखने के बाद बहाने से नौवीं मंजिल पर गई। वहां से अस्पताल के भीतर ही छलांग लगा दी। कूदने की आवाज सुनते ही भाई व अन्य रिश्तेदार दौड़े, लेकिन तब तक खुशबू की मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि वह वॉशरूम जाने के बहाने से ऊपर गई थीं। केस 4 राजेंद्र नगर थाना ..........फोटो एसडीएम कोरोना के टेंशन में एसडीएम के रीडर ने लगाई फांसी राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक एसडीएम कार्यालय में रीडर के पद पर कार्यरत था। पुलिस को उनके पास से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनका कोरोना ठीक नहीं हो पाएगा। पुलिस ने बताया कि मृतक 50 वर्षीय बहादुर सिंह केलवा निवासी स्कीम नंबर - 72 ट्रेजर टाउनशिप हैं। टीआई अमृता सोलंकी के अनुसार केलवा ने देर रात फांसी लगा ली थी। सुबह परिजन उठे तो वे फंदे पर थे। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और तलाशी ली तो उनके पास से एक सुसाइड नोट मिला- जिसमें लिखा था कि मैं कोरोना से ठीक नहीं हो पाउंगा। इसके अलावा उन्होंने अपने बेटों को भी अच्छे से रहने का लिखा है। उन्होंने कुछ रुपए के लेनदेने के बारे में भी लिखा है। टीआई का कहना है कि परिजनों ने बताया कि उन्हें कुछ दिन से सर्दी-खांसी हो रही थी। वे घर पर ही आराम कर रहे थे। केस 5 बाणगंगा थाना ... कोरोना पीडि़त अस्पताल की तीसरी मंजिल से कूदा, मौत गत दिनों आईसीयू में भर्ती कोरोना संक्रमित युवक ने अस्पताल की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी। वह तीन दिन से भर्ती था। बाणंगगा टीआई राजेंद्र सोनी के अनुसार मृतक 33 वर्षीय अभिषेक शर्मा पिता शिवराज सिंह शर्मा निवासी विजय नगर है। उसे परिजन ने 13 मई को अरबिंदो में भर्ती कराया था। दो दिन बाद वह तीसरी मंजिल से कूद गया। स्टॉफ तुरंत दौड़ा और प्राथमिक उपचार दिया, लेकिन बचा नहीं सके। प्रबंधन ने पुलिस को बताया कि वह दो दिन से खूब चिल्ला रहा था। ऑक्सीजन मास्क उतारकर फेंक रहा था। पहले एमआर था, फिर मेडिकल खोली, अभी वह भी बंद था- परिजन ने बताया कि वह एमआर था। बाद में मेडिकल स्टोर खोला था, जिसे दो महीने पहले बंद कर दिया था। एक नर्स से उसकी सगाई हो गई थी। अप्रैल में शादी होना थी, लेकिन कोरोना से टल गई। महीने के अंत तक ठीक होने पर शादी की तैयारी थी। केस 6 विजय नगर थाना ... फोटो पटवारी के नाम से ... दो घंटे में पति-पत्नी की मौत शहर के विजय नगर थाना क्षेत्र में 26 मई को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। इस घटना में दो घंटे के भीतर ही पति-पत्नी ने दम तोड़ दिया। महिला पटवारी सोनम रघुवंशी के पति जितेंद्र रघुवंशी कोरोना संक्रमण के चलते विजय नगर स्थित राजश्री अस्पताल में भर्ती थे। डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई थी। पति की हालात की जानकारी मिलते ही महिला पटवारी ने छलांग लगा दी। उन्हें जख्मी हालत में भर्ती किया गया। पहले पति की मौत हुई और देर शाम पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। विजय नगर टीआई तहजीब काजी के अनुसार अस्पताल की सीढिय़ों से गिरने से सोनम की मृत्यु होने की सूचना मिली है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने छलांग लगाई है। इसकी जांच की जा रही है कि यह आत्महत्या है या हादसा। घटना बुधवार सुबह 11 बजे उस वक्त हुई जब डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना का इलाज करवा रहे पति जितेंद्र की हालत बेहद गंभीर है। उनका बचना मुश्किल है। इससे वह सदमे में आ गई थीं। तभी वह तीसरी मंजिल की सीढिय़ों से गिर गई। उसे तभी अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन देर शाम 6 बजे उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन ने शाम 7 बजे पुलिस को दी। वहीं महिला के पति जितेंद्र ने भी शाम 4 बजे यानी पत्नी की मौत के दो घंटे पहले दम तोड़ दिया। सोनम देपालपुर में पटवारी थी वहीं उनके पति जितेंद्र टीसीएस कंपनी में काम करते थे । दोनों की मौत से पूरा परिवार स्तब्ध है। मामले में पुलिस का कहना है कि वह कूदी या सीढिय़ों से गिरी है अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है। मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। यहां भी हुई इस तरह की घटनाएं केवल इंदौर शहर में ही कोरोना से अपने के जाने गम या इस महामारी के टेंशन में लोगों ने जान नहीं दी है। शहर के बाहर भी बीते दिनों में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है। एक नजर ऐसी घटनाओं पर ... 21 अप्रैल को राज्य के रायसेन जिÞले में एक महिला ने संक्रमण के कारण अपनी मां की मौत से दुखी होकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। इसी दिन देवास में छह दिन के अंदर वायरस से 75 वर्षीय एक महिला एवं उनके दो बेटों की मौत से दुखी होकर महिला की छोटी बहू ने जान दे दी थी। कुछ दिन पहले भोपाल के चिरायु अस्पताल की 5वीं मंजिल से 45 साल के कोविड संक्रमित ने छलांग लगा दी। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव अस्पताल पहुंचाया। क्या कहते हैं मनोचिकित्सक करीबी को अकेला न छोड़े, हिम्मत बंधाएं परिवार का मुखिया या कोई ऐसा व्यक्ति जिससे अत्यधिक लगाव रहता है, उसकी मृत्यु के पश्चात उससे जुड़े हुए लोग तनाव में आ जाते हैं और निराश हो जाते हैं। ऐसा अक्सर पति-पत्नी, मां-बेटे, पिता-पुत्र जैसे रिश्तों में होता है। ऐसे समय में परिवार के अन्य सदस्यों को प्रयास करना चाहिए कि जो मृतक का सबसे अधिक करीबी और उसे चाहने वाला हो उसे अकेला न छोड़े और उसे हिम्मत बंधाएं। डॉ. मनीष जैन मनोरोग चिकित्सक धैर्य बनाए रखें, दूसरे हमेशा दें साथ चूंकि यह समय संकट का है और संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए लॉक डाउन के चलते वैसे भी घरों में रहकर लोग तनाव में आते जा रहे हैं। ऐसे में यदि परिवार के मुखिया या किसी ऐसे सदस्य की मृत्यु कोरोना से हो जाती है तो परिवार के सभी लोग बीमारी के डर से तनाव में आ जाते हैं, वहीं मृतक का सबसे नजदीकी व्यक्ति खुदकुशी जैसा कदम उठा लेता है। ऐसे समय में धैर्य बनाए रखें, साथ ही अपना संयम न खोएं और अपने आपको मन व दिमाग से हमेशा मजबूत रखें। यह सोचे कि यदि आप भी चले गए तो तुम्हारे पीछे जो लोग तुमसे जुड़े लोगों का क्या होगा। खुदकुशी जैसा कदम उठाना समस्या का हल नहीं है। डॉ. रामगुलाम राजदान अधीक्षक, मानसिक चिकित्सालय, इंदौर हिन्दुस्थान समाचार/घनश्याम डोंगरे

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