मोरेटोरियम बढ़ाने को लेकर रिजर्व बैंक पर नजरें
मोरेटोरियम बढ़ाने को लेकर रिजर्व बैंक पर नजरें

मोरेटोरियम बढ़ाने को लेकर रिजर्व बैंक पर नजरें

मोरेटोरियम बढ़ाने को लेकर रिजर्व बैंक पर नजरें नई दिल्ली। कोरोना के कारण उपजे आर्थिक संकट से आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक हर संभव कदम उठाने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक इसके तहत रिजर्व बैंक ईएमआई पर दी गई राहत (लोन मोरेटोरियम) की सुविधा 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ाने की संभावना तलाशने के लिए सभी पक्षों से बातचीत कर रहा है। मौजूदा लोन मोरेटोरियम की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- केवल एनपीए के डर से कर्ज के अच्छे प्रस्ताव खारिज न करें रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास कई बार भरोसा दिला चुके हैं कि कोरोना से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए हर संभव उठाने को केंद्रीय बैंक तैयार है। उन्होंने पिछले दिनों भी कहा था कि अर्थव्यवस्था में कुछ तेजी के संकेत दिखने लगे हैं इसके बावजूद जरूरत पड़ने पर हर तरह के कदम उठाए जा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मोरोटोरियम नहीं बढ़ाने की स्थिति में लोन डिफॉल्ट का संकट बढ़ सकता है क्योंकि कारोबार से लेकर नौकरीपेशा तक सबकी कमाई पर असर पड़ा है। ऐसे में कंपनियां भी मोरेटोरियम बढ़ाने की मांग कर रही हैं। आरबीआई ने मार्च में तीन महीने के लिए मोराटोरियम सुविधा दी थी। बाद में आरबीआई ने इसे तीन महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक के लिए लागू कर दिया था। लॉकडाउन खुलने के बाद कंपनियां मांग बढ़ने से उत्साहित थीं। विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन लॉकडाउन के पूर्व अवधि के 70 फीसदी तक पहुंच गया था। लेकिन छोटे-छोटे लॉकडाउन से कंपनियों की मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं। कंपनियां अब 50 फीसदी क्षमता पर काम कर रही हैं। ऐसे में उद्योग जगत का कहना है कि मोरेटोरियम बढ़ाने से कंपनियां और कारोबारियों को बड़ी राहत मिल सकती है। लॉकडाउन की वजह से नौकरियां जाने और वेतन में कटौती अभी भी जारी है। इसमें सबसे अधिक पर्यटन क्षेत्र प्रभावित है। देश में करीब एक करोड़ रोजगार पर खतरा है जिसमें 15 लाख पर्यटन क्षेत्र से हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वेतन कटौती और नौकरी छूटने की वजह से कर्मचारी तुरंत इस स्थिति में नहीं होंगे कि वह अपनी ईमआई चुका सकें। आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख को बढ़ाकर किया 30 सितंबर तक बैंक-एनबीएफसी-मोरेटोरियम बढ़ाने के पक्ष में नहीं मोरेटोरियम को लेकर सबसे अधिक चिंतित बैंक और एनबीएफसी हैं। बैंकों की कहना है कि इससे उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। पिछले दिनों एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि मोरेटोरियम का गलत इस्तेमाल हो रहा है और इसका फायदा वैसे लोग और कंपनियां उठा रही हैं जो कर्ज चुकाने में सक्षम हैं। वहीं एनबीएफसी का कहना है कि वह अपने ग्राहकों को मोरेटोरियम का लाभ दे रहीं हैं। लेकिन बैंक उन्हें आसानी से कर्ज नहीं दे रहे जिसकी वजह से उनकी मुश्किले बढ़ गई हैं। Thank You, Like our Facebook Page - @24GhanteUpdate 24 Ghante Online | Latest Hindi News-24ghanteonline.com

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