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​चार दिनों से लापता ​नौका ​​'​मर्सिडीज​'​ को ​कोस्ट गार्ड​ ने खोज निकाला

- सेटेलाइट फोन के जरिए संचार स्थापित, चालक दल सुरक्षित - लक्षद्वीप द्वीप समूह से लगभग 200 मील दूर मिली नाव - खोजने के लिए पाकिस्तान से भी मांगी गई थी मदद नई दिल्ली, 28 अप्रैल (हि.स.)। इंडियन कोस्ट गार्ड ने चार दिनों की निरंतर खोज के बाद बुधवार सुबह मछली पकड़ने वाली लापता नौका 'मर्सिडीज' को लक्षद्वीप द्वीप समूह से लगभग 200 मील (लगभग 370 किलोमीटर) की दूरी पर खोज लिया है। इस नाव को खोजने के लिए पाकिस्तान से भी मदद मांगी गई थी। सेटेलाइट फोन के जरिए मछली पकड़ने वाली नाव के साथ संचार स्थापित हो गया है और चालक दल के सुरक्षित होने की पुष्टि हुई है। तमिलनाडु में थेंगापट्टनम मत्स्य पालन बंदरगाह से केरल के 11 नाविक 06 अप्रैल, 21 को 30 दिनों की यात्रा पर दीप सागर में मछली पकड़ने के लिए 'मर्सिडीज' नाव से रवाना हुए थे। तमिलनाडु मत्स्यपालन अधिकारियों ने 24 अप्रैल को मछली पकड़ने वाली नाव 'मर्सिडीज' के डूबने के बारे में इंडियन कोस्ट गार्ड को जानकारी दी। यह भी बताया गया कि डूबी नाव का मलबा क्षेत्र में संचालित मछली पकड़ने वाली अन्य नौकाओं के चालकों ने देखा है। इस पर मुंबई में भारतीय तटरक्षक बल के मैरीटाइम रेस्क्यू को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एमआरसीसी) ने लापता नाव की तलाश के लिए अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नेट को सक्रिय किया। साथ ही बताये गए दुर्घटना स्थल के पास से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को भी सतर्क किया गया। इसके साथ ही पड़ोस में तैनात आईसीजीएस समुंद्र प्रहरी को मौके पर भेज दिया गया। प्रवक्ता ने बताया कि दरअसल जिस स्थान पर मलबा देखे जाने की जानकारी मिली थी, वह स्थान पाकिस्तानी इलाके में पड़ता था, इसलिए एमआरसीसी कराची को भी इंटरनेशनल मैरीटाइम ऑर्गेनाइजेशन (आईएमओ) के मानदंडों के अनुसार सहायता के लिए अनुरोध किया गया। भारतीय एमआरसीसी ने व्यापारी नौका मेर्सक हॉर्सबर्ग के साथ समन्वय किया ताकि क्षेत्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं के साथ खोज अभियान में शामिल हो सकें। इसके साथ ही लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पेट्रोलिंग विमान के लिए भारतीय नौसेना से अनुरोध किया गया था। चार दिनों की निरंतर खोज के बाद आईसीजी डॉर्नियर ने आज सुबह लापता नौका 'मर्सिडीज' को लक्षद्वीप द्वीप समूह से लगभग 200 मील (लगभग 370 किलोमीटर) की दूरी पर खोज निकाला। यह स्थान गोवा से लगभग 1100 किलोमीटर (590 मील) की दूरी पर है। प्रवक्ता का कहना है कि मुंबई के मैरीटाइम रेस्क्यू को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एमआरसीसी) का सैटेलाइट फोन के जरिये मछली पकड़ने वाली नाव के साथ संचार स्थापित हो गया है और चालक दल के सुरक्षित होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद लक्षद्वीप में तैनात आईसीजी जहाज के चालक दल को रसद और चिकित्सा सहायता देने के लिए रवाना कर दिया गया है। इस नाव को आईसीजी जहाज से एस्कॉर्ट करके 03 मई के आसपास तमिलनाडु में थेंगापट्टनम मत्स्य पालन बंदरगाह तक लाया जाएगा। नेशनल मैरीटाइम सर्च एंड रेस्क्यू कोऑर्डिनेटर के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने अब तक 3400 मिशनों में लगभग 10 हजार लोगों की जिन्दगी बचाई है। भारतीय तटरक्षक बल मछुआरों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए संकट चेतावनी ट्रांसपोंडर और लंबी दूरी के दो तरह के संचार तंत्र होने की वकालत करता रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत

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