टूल किट पर मो धालीवाल और पोएटिक जस्टिस की सफाई- किसी हस्ती को ट्वीट करने को नहीं कहा

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- किसान आंदोलन से जुड़ी गतिविधियों का समन्वय नहीं किया - गणतंत्र दिवस, लालकिला आंदोलन और अन्य प्रर्दशनों में सम्मिलित नहीं नई दिल्ली, 06 फरवरी (हि.स.)। इंटरनेट पर किसान आंदोलन से जुड़ी प्रचार सामग्री वाले ‘टूल किट’ को बनाने वाले कनाडा आधारित पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने एक बयान जारी कर सफाई दी है कि उसकी ओर से भारत और बाहर किसान आंदोलन से जुड़ा धरना और सोशल मीडिया गतिविधियों का समन्वय व संचालन नहीं किया गया है। पोएटिक जस्टिस के संस्थापक मो धालीवाल और अनिता लाल की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि हाल ही में भारतीय मीडिया में उनके संगठन के बारे में प्रसारित की जा रही जानकारी पूरी तरह से गलत और बनावटी है। यह मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है। वक्तव्य में कहा गया है, “पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने भारत के भीतर होने वाली किसी भी विरोध गतिविधियों का समन्वय नहीं किया है। भारत के गणतंत्र दिवस और उससे आगे - चाहे दिल्ली में लाल किला हो या देश में कहीं और - हम भारत के भीतर किसी भी प्रकार की किसी भी विरोध प्रदर्शन गतिविधि को निर्देशित करने या उसमें शामिल नहीं थे।” ‘रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग और गणतंत्र दिवस हिंसा पर वक्तव्य में कहा गया है कि पोएटिक जस्टिस दबे-कुचलों को आवाज देने का काम करता है और कनाडा व दुनिया में हर जगह होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है। वक्तव्य में कहा गया, “पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग या किसी भी विशिष्ट हस्तियों को किसान आंदोलन के बारे में ट्वीट करने के लिए समन्वयित नहीं किया। हमने किसी को भी ट्वीट करने के लिए भुगतान नहीं किया है - और निश्चित रूप से ऐसा करने के लिए किसी को 25 लाख डॉलर का भुगतान नहीं किया है। ” वक्तव्य में कहा गया है कि हम हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं और प्रेम का संदेश देते हैं। संगठन सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत होने वाली गतिविधियां संचालित करता है। हालांकि इस वक्तव्य में भी भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा करते हुए कहा गया है कि किसानों और अल्पसंख्यकों को मारा जा रहा है और लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। उल्लेखनीय है कि ग्रेटा थनबर्ग ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से ‘टूलकिट डॉक्यूमेंट’ अपलोड कर दिल्ली के आस-पास चल रहे किसान आंदोलन पर समर्थन मांगा था। इसमें भारतीय दूतावासों पर प्रदर्शन करने के लिए भी अपील की गई थी। इसे दिल्ली पुलिस राजधानी में 26 जनवरी की हिंसा की स्क्रिप्ट मान रही है और इसकी जांच कर रही है। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप-hindusthansamachar.in

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