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एलएसी से अचानक पीछे हटने लगी चीनी सेना

- चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा, भारत से नौवें दौर की बैठक में बनी थी सहमति - भारत की ओर से चीनी रक्षा मंत्रालय के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले नौ महीनों से तनातनी का केंद्र बिंदु रही पैन्गोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी तट से बुधवार को अचानक चीन की सेना ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि ऐसा चीन और भारत के बीच कमांडर-स्तरीय वार्ता के नौवें दौर की बैठक में बनी सहमति के अनुसार किया जा रहा है। हालांकि अभी भारत की ओर से चीनी रक्षा मंत्रालय के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में पैन्गोंग झील के तट से सैन्य विघटन की रिपोर्ट पर एक बयान जारी कर सकते हैं। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने एक लिखित बयान में कहा कि चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक के 9वें दौर की बैठक में दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के अनुसार चीनी और भारतीय सशस्त्र बलों ने एक साथ व्यवस्थित रूप से विघटन शुरू किया है, जो चरणबद्ध तरीके से चलेगा। उन्होंने अपने बयान में कहा कि सहमति के अनुसार पैन्गोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी तट पर चीनी और भारतीय सशस्त्र बलों की सीमावर्ती इकाइयां आज एक साथ सीमा से पीछे हटने के लिए साथ आईं हैं। भारत और चीन दक्षिणी पैन्गोंग झील के किनारे तैनात अपने-अपने बख्तरबंद वाहन वापस खींचने पर सहमत हुए हैं लेकिन सैनिकों की तैनाती पहले की तरह बरकरार रहेगी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अप्रत्याशित रूप से जिस तरह गतिरोध शुरू हुआ था, उसी तरह अचानक विघटन शुरू होना भी अप्रत्याशित ही है। सीमा पर चीन और भारत का एक साथ विघटन शुरू होने पर 9 महीने से आमने-सामने तैनात सेनाओं के बीच स्टैंड-ऑफ समाप्त होने की संभावना बढ़ी है। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भी चीनी रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा कि चीनी कमांडर-स्तरीय वार्ता के नौवें दौर के दौरान दोनों पक्षों के बीच पहुंची सहमति के अनुसार पैन्गोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी किनारे पर चीनी और भारतीय सीमा सैनिकों ने बुधवार को विघटन शुरू कर दिया है। पैन्गोंग झील पिछले 9 महीनों से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच टकराव का केंद्र बिंदु रही है। चीन के साथ 9वें दौर की सैन्य वार्ता 24 जनवरी को सुबह 10.30 बजे पूर्वी लद्दाख के चुशूल सेक्टर में भारतीय क्षेत्र मोल्डो में हुई थी जो करीब 16 घंटे तक लगातार जारी रहने के बाद 25 जनवरी सुबह लगभग 2.30 बजे समाप्त हुई। इससे पहले चीन के साथ 8वें दौर की सैन्य वार्ता 06 नवम्बर को हुई थी। यानी 9वें दौर की यह बैठक लगभग ढाई महीने बाद हुई, जिसमें तीन चरणबद्ध तरीके से विघटन पर चर्चा की गई। बैठक में भारत ने एक बार फिर चीन से स्पष्ट कहा था कि सीमा पर तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन की है, इसलिए उसे पूरी तरह हटना पड़ेगा। बैठक के बाद भारत-चीन की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश अपने-अपने शीर्ष नेतृत्व की महत्वपूर्ण सहमति का पालन करने और बातचीत की अच्छी गति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। साझा बयान में यह भी कहा गया कि बैठक का यह दौर सकारात्मक, व्यावहारिक और रचनात्मक था, जिसने आपसी विश्वास और समझ को और बढ़ाया। दोनों पक्ष सीमावर्ती सैनिकों के शीघ्र विघटन के लिए जोर देने पर सहमत हुए। इसके साथ ही दोनों पक्ष जल्द ही 10वें दौर की कोर कमांडर लेवल मीटिंग करने पर भी राजी हुए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत-hindusthansamachar.in

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