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मध्‍य प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना लागू (दो)

भोपाल, 28 मई (हि.स.)। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुसार उसके नियोजन में अनुकम्पा नियुक्ति के लिये मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना लागू करते हुए बताया गया है कि इसके लिए आवेदन-पत्र उस कार्यालय प्रमुख/विभाग प्रमुख, जिसमें दिवंगत सेवायुक्त अपनी मृत्यु के पूर्व कार्यरत था, को प्रस्तुत किया जायेगा। आवेदन मृत्यु दिनांक से चार माह के भीतर प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। अपरिहार्य स्थिति में विलम्ब के कारणों से संतुष्ट होने पर दावा स्वीकृति के लिये सक्षम प्राधिकारी अधिकतम तीन माह तक का विलम्ब माफ कर सकेंगे। अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदनों के निपटारे के लिये ऐसे आवेदकों की एक सूची संबंधित कार्यालय/विभाग में बनाई जायेगी एवं इसका क्रम दिवंगत सेवायुक्त की मृत्यु के दिनांक से निर्धारित किया जायेगा, अर्थात जो सेवायुक्त पहले दिवंगत हुआ है, उसके आश्रितों को पहले अनुकम्पा नियुक्ति आरक्षण नियमों का पालन करते हुए दी जायेगी। यहां सरकार की ओर से बताया गया है कि अनुकम्पा नियुक्ति यथासंभव उसी कार्यालय या विभाग में दी जायेगी, जिसमें दिवंगत सेवायुक्त निधन के पूर्व नियोजित था। यदि विभाग की स्थापना में ऐसा पद रिक्त नहीं है, जिस पर परिवार के सदस्यों को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकती है, तो इसके लिये सांख्येत्तर पद निर्मित किया जा सकेगा। ऐसे सांख्येत्तर पद पर की गई नियुक्ति भविष्य में नियमित पद की रिक्ति के विरुद्ध समायोजित की जायेगी एवं पात्र आश्रित की पदोन्नति एवं अन्य कारणों से सांख्येत्तर पद रिक्त होने पर स्वत: समाप्त समझा जायेगा। सांख्येत्तर पद निर्मित करने की अनुमति शासन द्वारा गठित समिति द्वारा दी जायेगी। समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। समिति में प्रमुख सचिव, वित्त और विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव सदस्य होंगे। अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग सदस्य सचिव होंगे। दिवंगत सेवायुक्त के परिवार को शपथ-पत्र पर उस सदस्य का नाम देना होगा, जिसको अनुकम्पा नियुक्ति दी जाना है। दिवंगत सेवायुक्त के पात्र आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने की स्थिति में उस पात्र अभ्यर्थी से नियुक्ति के पूर्व इस आशय का शपथ-पत्र लिया जायेगा कि वह दिवंगत सेवायुक्त के परिवार के अन्य सदस्यों का समुचित भरण-पोषण करेगा। आउटसोर्स के रूप में पात्र आश्रित को उसकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से नियोजित कराया जायेगा। प्रकरण स्वीकृति के लिये सक्षम अधिकारी जिलों में कार्यरत सेवायुक्त की मृत्यु के समय उनके नियुक्ति स्थल के कार्यालय प्रमुख द्वारा निर्धारित प्रारूप में अपने अभिमत सहित प्रकरण संबंधित जिले के कलेक्टर के पूर्व अनुमोदन के बाद नियुक्ति आदेश विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा किया जायेगा। जिला कलेक्टर अनुमोदन देने से पूर्व, जिले में इस योजना के अंतर्गत प्राप्त अनुकम्पा नियुक्ति के समस्त प्रकरणों की समीक्षा करेंगे, ताकि यथासंभव संबंधित जिले में ही पात्र आवेदक को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सके। यदि किसी विभाग में उपयुक्त पद रिक्त न हो, तो जिले के अन्य किसी ऐसे विभाग में पद रिक्त होने पर अनुकम्पा नियुक्ति अन्य ऐसे विभाग में दी जाने के निर्देश कलेक्टर संबंधित को दे सकेंगे। यह अनिवार्यता नहीं रहेगी कि जिले में अनुकम्पा नियुक्ति उसी विभाग में दी जाये, जिसमें मृत कर्मचारी कार्यरत था। सचिवालय/विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ सेवायुक्तों के प्रकरणों में संबंधित विभाग प्रमुख सक्षम प्राधिकारी होंगे। दैनिक वेतनभोगी/कलेक्टर दर पर कार्यरत/आउससोर्स/मानदेय कर्मी की मृत्यु पर उसके परिवार के पात्र सदस्य को आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित करने के लिये कलेक्टर/सक्षम विभागीय अधिकारी, सक्षम प्राधिकारी होंगे। अर्द्धशासकीय/निगम/मण्डल/संस्थाओं में नियोजन राज्य शासन के निगम/मण्डल/संस्थाओं/प्राधिकरण/विश्वविद्यालयों/स्थानीय निकाय में कार्यरत नियमित/स्थाईकर्मी/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/संविदा/आउटसोर्स सेवायुक्तों को उनके शासी निकाय के अनुमोदन से इस योजना के अनुरूप उसी संस्था में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। इन संस्थाओं को प्रकरण कलेक्टर को भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा एक माह की समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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