Chief Minister Hemant Soren said after completion of one year of government, Jharkhand will not depend on Center after five years
Chief Minister Hemant Soren said after completion of one year of government, Jharkhand will not depend on Center after five years

सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर बोले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पांच साल बाद झारखण्ड केंद्र पर नहीं रहेगा निर्भर

-झारखंड सरकार के एक साल पूरे होने पर राज्यस्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन -मुख्यमंत्री ने 1710.26 करोड़ के 171 योजना का उद्घाटन व 1529.06 करोड़ की 59 योजना का शिलान्यास किया रांची, 29 दिसम्बर (हि.स.)। झारखंड सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर मंगलवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही हेमंत सोरेन ने 1710.26 करोड़ के 171 योजनाओं का उद्घाटन व 1529.06 करोड़ की 59 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कोरोनाकाल में सीमित संसाधनों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज ऐसे कई राज्य हैं, जहां कोयला नहीं है, अभ्रक नहीं है। चांदी नहीं है। हमारे पास ये सब होने के बाद भी पिछड़े हैं। हमारे पास खिलाड़ियों की खान है, जो देश-विदेश में नाम रोशन कर रहे हैं। कला-संस्कृति की अपार संभावनाएं हैं लेकिन इस दिशा में कभी काम ही नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकार ने हमें खाली खजाने की सत्ता की चाबी सौंपी है। साथ ही करोड़ों रूपये का कर्जदार भी बना दिया है। सभी विभागों में करोड़ों रूपये का कर्ज है। हमें उन कर्जों को उतरना भी है। हमारी सरकार अगले पांच सालों के अंदर सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो जायेगा। इसके बाद झारखंड को केंद्र से भीख मांगने की जरुरत नहीं पड़ेगी। बीमार अस्पताल से कोरोना को मात दिया उन्होंने कहा कि एक भी वेंटिलेटर नहीं होते हुए भी सरकारी अस्पतालों के साथ हमने कोरोना को परास्त किया है। चुनौती ये थी कि पूर्ववर्ती सरकार ने सरकारी अस्पताल को बीमार बना दिया था। सरकार ने इस टूटी-फूटी व्यवस्था को दुरुस्त कर कोरोना से लोगों को राहत दिलाई है। महानगरों से जो लोग आए हैं, उन्हें भी हमारी जरूरत है। हमने झारखंड वासियों को अपने घर पर आने का न्योता दिया। उन्हें हवाई जहाज ट्रेन और बसों से बुलवाया। हमारी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने अपनी जान की बाजी लगाकर महीनों तक गरीबों को खाना खिलाया है। हम ऐसी महिलाओं को सैल्यूट करते हैं, जिन्होंने अपने परिवार की फिक्र किए बगैर इस राज्य का पेट भरा। कहा कि सरकार के सामने हालात बहुत भयावह थे। उन लोगों को तनख्वाह कैसे दिया जाएगा, यह भी चुनौती थी। विपक्ष के लोगों ने हमें कई बार इंगित किया- सरकार रोजगार देने में विफल रही किसानों को राहत देने में विफल रही। लेकिन, सबसे पहले आर्थिक व्यवस्था को देखना पड़ता है। यही कारण है कि किसानों को ऋण माफ करने का निर्णय लेने में हमें 1 साल लग गए। हमें संसाधन भी जुटाना था। उन्होंने कहा कि हमारे पास संपदा के अलावा प्राकृतिक सौंदर्य का भंडार है। हमारे खिलाड़ी और हमारे कलाकार बुरे हाल में हैं। इस राज्य में पहली बार में सभी 24 जिलों में खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। राज्य का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति देने का काम सरकार ने किया है। तमाम नौकरियों में हम खिलाड़ियों को आरक्षण देने की कवायद भी जुटे हैं। झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां बच्चों को विदेशों में पढ़ने के लिए हम पूरा खर्च उठाएंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने टूरिज्म पॉलिसी को लेकर मेहनत की है और वह दिन दूर नहीं है जब लोग लाखों खर्च कर हमारे राज्य की प्रकृति को देखने आएंगे। पलामू-गढ़वा क्षेत्र में बारिश का अभाव होता है, बिजली पानी की भी किल्लत है। आज प्रमंडल में बिजली देने का काम हम लोग कर रहे हैं, जहां पहले सिर्फ 2 घंटे बिजली मिलती थी। 5000 आदर्श विद्यालय खोलने का काम हम लोगों ने किया है। हर जिले में एक मॉडल स्कूल तैयार किया जाएगा जो सीबीएसई से मान्यता प्राप्त होगा। झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां बच्चों को विदेशों में पढ़ने के लिए हम पूरा खर्च उठाएंगे। जनवरी के पहले सप्ताह में कैलेंडर बना कर नियुक्तियां शुरू करेंगे हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछली सरकार की गलत नीतियों के कारण आज तक झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन (जेपीएससी) पर उंगलियां उठती रही। 20 साल में छठी परीक्षा का आयोजन भी सही से नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि अब इसे दूर किया जाएगा। जनवरी के पहले सप्ताह में कैलेंडर जारी कर के जेपीएससी की नियुक्तियां लागत शुरू की जाएगी और युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आश्वस्त करना चाहूंगा कि मार्च के पहले ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना हो चुकी होगी। पशुधन योजना हम लोगों ने प्रारंभ किया। राज्य के लोगों के लिए यह सरल और व्यावहारिक योजना है। किसी के पास बैंक बैलेंस होता है, किसी के पास एटीएम कार्ड होता है लेकिन किसान मजदूर के पास पशुधन ही बैंक बैलेंस और एटीएम होता है। इसलिए हम लोगों ने गाय, बकरी, सूअर, बत्तख पालन के लिए योजना बनाई है। आने वाले समय में राज्य मछली निर्यात करने की शक्ति प्राप्त कर लेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग दो लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने के लिए योजना बनाई गई है। 5 लाख एकड़ जमीन में फलदार वृक्ष लगाए गए हैं। राज्य को हरा भरा बनाने के लिए 10 लाख एकड़ में फलदार वृक्ष लगाने की योजना है। हमारे युवा खेल में रुचि लेते हैं लेकिन संसाधन के अभाव में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मैदान, ड्रेसिंग रूम आदि का प्रबंध कर खेल की संरचनाओं को हम मजबूत कर रहे हैं। मनरेगा में मजदूरी 300 रुपए किया जाएगा उन्होंने कहा कि हम विदेश से उठकर नहीं आए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों को नहीं जानेंगे। मनरेगा यहां के लिए मील का पत्थर है। मजदूरी कम है जिस कारण लोग रुचि नहीं लेते हैं। हमने मनरेगा मजदूरी ₹225 करने का निर्णय लिया है, जो भारत सरकार ₹194 देती है। सरकार का अंतिम वर्ष होते-होते हम ₹300 मजदूरी देने का लक्ष्य निर्धारित कर चुके हैं। सीएम ने कहा कि जमशेदपुर में महिला विश्वविद्यालय के लिए सभी पद स्वीकृत किए गए हैं। राज्य में सभी वृद्धाओं को पेंशन मिले, यह हम सुनिश्चित कर रहे हैं। कुपोषण से लड़ने के लिए हमारा लक्ष्य है। इस साल कुपोषण मुक्त झारखंड बनाने के लिए 250 करोड़ रुपये की लागत से 5 लाख बाड़ी को तैयार किया जा रहा है। यहां मोटा अनाज की खेती होगी। राज्य में जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र लाखों की संख्या में पेंडिंग हैं। उन्होंने कहा कि आज 12 हजार करोड़ योजनाओं का शिलान्यास और परिसंपत्तियों का वितरण किया जा रहा है। विकास कार्य को छूने का प्रयास कर रहे हैं। झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां 80 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्र में वास करते हैं। यह लोग खेती पर निर्भर हैं। इस अवसर पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद शिबू सोरेन, झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद धीरज साहू, मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन सहित अन्य लोग मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ वंदना-hindusthansamachar.in

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