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अपराध में लिप्त पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने का मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश

लखनऊ, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हुई हत्या मामले में तीन पुलिसकर्मियों के नामजद होने के बाद अपराधी छवि वाले सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं। उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और कहा कि हाल के दिनों में कतिपय पुलिस अधिकारियों-कार्मिकों के अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने की शिकायतें मिली हैं। यह कतई स्वीकार्य नहीं है। ऐसे सभी अफसर व कार्मिक जो अति गंभीर अपराधों में लिप्त हैं उनकी बर्खास्तगी की जाए। मुख्यमंत्री योगी ने गुरुवार को टीम-9 के साथ हुई बैठक ने ये निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अपराध में संलिप्त पुलिस विभाग में ऐसे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। प्रमाण के साथ ऐसे लोगों को चिन्हित कर सूची उपलब्ध कराएं। सभी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही होगी। अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों-कार्मिकों की बर्खास्तगी की जाए। उधर, कानून मंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सरकार ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। कहा कि कोई भी कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता है। भले ही वह कितना भी बड़ा अधिकारी हो। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा। सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। परिवार की सभी मांगें मानी जाएंगी। गौरतलब है कि गोरखपुर के एक होटल में 27 सितंबर की देर रात पुलिस की दबिश के दौरान कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत का सच सामने आ गया है। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने आरोप लगाया कि डीएम-एसएसपी ने उन्हें एफआईआर कराने से रोका। एफआईआर तभी दर्ज हुई, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया। पुलिस ने 29 सितंबर को तीन पुलिसवालों के खिलाफ नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। --आईएएनएस विकेटी/एएनएम

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