छत्तीसगढ़ : भगवान राम के ननिहाल चंदखुरी में शीघ्र बनेगा माता कौशल्या का भव्य मंदिर
छत्तीसगढ़ : भगवान राम के ननिहाल चंदखुरी में शीघ्र बनेगा माता कौशल्या का भव्य मंदिर

छत्तीसगढ़ : भगवान राम के ननिहाल चंदखुरी में शीघ्र बनेगा माता कौशल्या का भव्य मंदिर

— छत्तीसगढ़ सरकार ने बनाया है 137.45 करोड़ का कान्सेप्ट प्लान — चंदखुरी में बायपास सड़कें और राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखाएं खुलेगी रायपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर के समीप माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी में शीघ्र ही भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। साथ ही मंदिर के पास से बायपास सड़कें और राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखाएं भी खुलेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को परिवार के सदस्यों के साथ चंदखुरी पहुंचकर वहां स्थित माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर में पूजा-अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। इस मंदिर के गर्भगृह में मां कौशल्या की गोद में बालरुप में भगवान श्रीरामजी की वात्सल्यम प्रतिमा विराजित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। भगवान राम ने वनवास का बहुत सा समय यहां व्यतीत किए हैं। सरकार भगवान राम के वन गमन मार्ग को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित कर रही है ताकि इन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल सके। मुख्यमंत्री ने मंदिर के पास से बायपास सड़कें और राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोलने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष खिलेश देवांगन, ग्राम पंचायत चंदखुरी की सरपंच मालती धीवर और कौशल्या माता समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा और ग्रामीणजन उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि, त्रेतायुगीन छत्तीसगढ़ का प्राचीन नाम दक्षिण कोसल एवं दण्डकारण्य के रूप में विख्यात था। प्रभु श्रीराम ने उत्तर भारत से छत्तीसगढ़ में प्रवेश के बाद विभिन्न स्थानों पर चौमासा व्यतीत करते हुए दक्षिण भारत में प्रवेश किया गया था। छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले की गवाई नदी से होकर सीतामढ़ी हरचौका नामक स्थान से प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था। इस दौरान उन्होंने 75 स्थलों का भ्रमण करते हुए सुकमा जिले के रामाराम से दक्षिण भारत में प्रवेश किया था। उक्त स्थलों में से 51 स्थल ऐसे है, जहां प्रभु श्रीराम ने भ्रमण के दौरान रूक कर कुछ समय व्यतीत किया था। प्रथम चरण में इनमें से 9 स्थलों को विकसित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण में 09 स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अम्बिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर), रामाराम (सुकमा) शामिल हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ में प्रस्तावित 09 स्थलों को लेते हुए पर्यटन विभाग द्वारा एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है, जिसकी लागत 137.45 करोड़ रूपए है। हिन्दुस्थान समाचार/ गायत्री प्रसाद-hindusthansamachar.in

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