
नई दिल्ली, 13 मई (हि. स. )। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार "अंजान" ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय सहित 8 राज्यों के उच्च न्यायालयों ने केंद्र एवं राज्य सरकारों की कार्य पद्धति पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने तीखी असहमति व्यक्त करके यह बता दिया कि कोरोना वायरस के दौर में देश में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है l अंजान ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केन्द्र सरकार को गंभीरता से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मद्रास हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस के दौर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने के आयोग के फैसले पर यहां तक टिप्पणी कर दी कि उनके ऊपर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए l जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपनी तार्किक टिप्पणी देकर चुनाव आयोग को अपनी संपूर्ण कार्य पद्धति पर पुनर्विचार करने का एक अवसर प्रदान किया है। ऐसे में केन्द्र सरकार को भी अपने कार्य पद्धति पर पुनः विचार करने की जरूरत है। भाकपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री केयर फंड में कहां से धन आया , किस-किस ने धन दिया और किस-किस मद में कोरोना प्रभावित लोगों के लिए के लिए खर्च किया गया। इसकी जानकारी देश की जनता को नहीं है। वेंटिलेटर के लिए फंड से जो धनराशि दिए जाने का ऐलान किया गया उससे अभी तक पूरे वेंटिलेटर भी प्राप्त नहीं हुए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष