केंद्र ने एससी वर्ग के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में किया ऐतिहासिक परिवर्तनः गहलोत
नई दिल्ली, 29 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने बुधवार को 59 हजार करोड़ रुपये की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में ऐतिहासिक परिवर्तन किया है। इसमें से 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार वहन करेगी और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि ये राशि सीधे छात्रों के खातों में भेजी जाएगी। गहलोत और भाजपा महासचिव दुष्यंत गौतम ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इसमें गहलोत ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि पहले 10 पास करने के बाद छात्रवृत्ति के अभाव में कई छात्र उच्च शिक्षा की पढ़ाई छोड़ देते थे। राज्य सरकारें धन के अभाव में कई बार छात्रवृत्ति नहीं दे पाती थी। उन्होंने कहा कि इस योजना में अब राज्य सरकार से विद्यार्थियों की खाता संख्या सहित सूची मंगाई जाएगी। इसका लाभ ये होगा कि उच्च शिक्षा में धन के अभाव में ड्राप आउट होने वाले छात्र-छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में फिर से लाया जा सकेगा। 5 साल में करीब 4 करोड़ छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी तक किसी भी राज्य सरकार ने इस फैसले का विरोध नहीं किया है। मैं मानता हूं कि सभी राज्यों के गले उतरने जैसा ऐतिहासिक फैसला हमने किया है। डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति सीधे खातों में जाने से लीकेज या अनियमितताएं भी नहीं होंगी। 59,048 करोड़ रुपये की धनराशि जो इसमें कुल खर्च होगी, उसमें 35,534 करोड़ रुपये केंद्र सरकार का और करीब साढ़े 23 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकारों का होगा। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह ही इस योजना को मंजूरी प्रदान की थी। भाजपा महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि पहले फर्जी नाम पर छात्रवृत्ति ले ली जाती थी और दलितों को इसका लाभ नहीं मिलता था। केंद्र में भाजपा सरकार आने से पहले करीब 50 लाख नकली छात्र पकड़े गए थे। उन्होंने कहा कि आज डीबीटी के माध्यम से छात्रों को पूरी छात्रवृत्ति मिलेगी। गौतम ने कहा कि अभी पंजाब में जब छात्रवृत्ति दी गई थी तो 2019 में वो 303.92 करोड़ रुपये थी। 18 दिसम्बर को उन्होंने वहां से 248 करोड़ रुपये निकाले। उसमें से 39 करोड़ रुपये की पेमेंट का दस्तावेज वहां अभी तक नहीं मिला है, जिससे साबित होता है कि बहुत बड़ा घोटाला छात्रवृत्ति में किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत-hindusthansamachar.in