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स्वास्थ्य रिसर्च पर भारत-नेपाल समझौता ज्ञापन के लिए कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और नेपाल के बीच सीमापार स्वास्थ्य मुद्दों, आयुर्वेद या पारंपरिक चिकित्सा और औषधीय पौधों जैसे पारस्परिक हित के साथ ही जलवायु परिवर्तन मामलों की संयुक्त रिसर्च गतिविधियों के लिए हस्ताक्षरित दो समझौतों को अपनी मंजूरी दे दी। ऐसा ही एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेपाल स्वास्थ्य अनुसंधान परिषद (एनएचआरसी) के बीच पिछले साल 17 नवंबर को और दूसरा इस साल 4 जनवरी को हुआ था। इन संधियों के उद्देश्य गैर-संचारी रोगों, मानसिक स्वास्थ्य, जनसंख्या-आधारित कैंसर रजिस्ट्री, चक्रवाती रोगों (वेक्टर जनित रोग जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया), इन्फ्लूएंजा, क्लिीनिकल टेस्ट रजिस्ट्री, स्वास्थ्य रिसर्च एथिक्स, ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से क्षमता निर्माण, कौशल उपकरण और फेलो और स्वास्थ्य अनुसंधान से संबंधित उपकरणों, दिशानिर्देशों, प्रोटोकॉल और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए सहयोग से संबंधित संयुक्त रिसर्च गतिविधियों पर सहयोग चाहते हैं। प्रत्येक पक्ष अपने देश में किए जाने वाले समझौता ज्ञापनों के तहत अनुमोदित रिसर्च के घटकों को निधि देगा या तीसरे पक्ष के वित्तपोषण के लिए संयुक्त रूप से आवेदन कर सकता है। अनुमोदित सहयोगी परियोजनाओं के तहत वैज्ञानिकों के आदान-प्रदान के लिए, भेजने वाले पक्ष वैज्ञानिकों की यात्रा की लागत वहन करेंगे जबकि प्राप्त करने वाला पक्ष वैज्ञानिक और शोधकर्ता के आवास और रहने का खर्च देगा। कार्यशालाओं या बैठकों और रिसर्च परियोजनाओं के लिए निधि की प्रतिबद्धता समय-समय पर उस समय उपलब्ध निधियों के अनुसार तय की जा सकती है। इन सभी गतिविधियों को लागू और क्रियान्वित करने की व्यवस्थाओं को गतिविधि शुरू होने से पहले पार्टियों द्वारा सहमति दी जाएगी। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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