भारत मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग व साझेदारी को कैबिनेट की मंजूरी

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नई दिल्ली, 17 फरवरी(हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (सीईसीपीए) पर हस्ताक्षर किये जाने को मंजूरी दी। भारत मॉरीशस सीईसीपीए, पहला व्यापार समझौता है, जो अफ्रीका के किसी देश के साथ किया जा रहा है। यह एक सीमित समझौता है, जो वस्तुओं के व्यापार, मूल नियमों, सेवाओं में व्यापार, व्यापार में तकनीकी बाधाओं (टीबीटी), स्वच्छता और पादप स्वच्छता (एसपीएस) उपायों, विवाद निपटान, नागरिकों के आवागमन, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को कवर करेगा। क्यों होंगे इसके फायदे- भारत और मॉरीशस के बीच सीईसीपीए में भारत के लिए 310 निर्यात वस्तुओं को शामिल किया गया है -खाद्य सामग्री और पेय पदार्थ (80 लाइनें), कृषि उत्पाद (25 लाइनें), वस्त्र और वस्त्र उत्पाद (27 लाइनें), आधार धातु और इनसे बने उत्पाद (32 लाइनें), बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद (13 लाइनें), प्लास्टिक और रसायन (20 लाइनें), लकड़ी तथा लकड़ी से बने सामान (15 लाइनें) और अन्य। मॉरीशस को अपने 615 उत्पादों; जिनमें फ्रोजेन फिश, विशेष प्रकार की चीनी, बिस्कुट, ताजे फल, जूस, मिनरल वाटर, बीयर, मादक पेय, साबुन, बैग, चिकित्सा और शल्य-चिकित्सा उपकरण और परिधान शामिल हैं। दोनों पक्ष समझौते पर हस्ताक्षर करने के दो साल के भीतर सीमित संख्या में अति संवेदनशील उत्पादों के लिए एक स्वचालित ट्रिगर सुरक्षा तंत्र (एटीएसएम) पर बातचीत करने के लिए भी सहमत हुए हैं। गौरतलब है कि भारत और मॉरीशस के द्विपक्षीय संबंध प्रगाढ़ रहे हैं। भारत ने 2016 में मॉरीशस को 353 मिलियन डॉलर का 'विशेष आर्थिक पैकेज' दिया था। हिन्दुस्थान समाचार/ विजयालक्ष्मी-hindusthansamachar.in

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