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बजट सिर्फ खोखले दावों की पोटली, छात्रों और शिक्षा के लिए कुछ भी नहीं: एनएसयूआई

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नए बजट को सिर्फ खोखले दावों और झूठे वादों की पोटली बताया। संगठन का मानना है कि इस बजट में छात्रों को उनकी उम्मीद के मुताबिक कुछ भी नहीं मिला है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि केन्द्र सरकार से हमेशा से मांग रही है कि शिक्षा पर जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च किया जाए ताकि हर वर्ग तक शिक्षा पहुंच सकें और निजीकरण की दुकान बंद हो सके लेकिन सरकार ने शिक्षा के नाम पर सिर्फ 30.42 लाख करोड़ रुपये ही आवंटित किए है जो जीडीपी का 3.26 फीसदी है। इसके कारण यह बजट युवाओं के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हर वर्ष एससी-एसटी छात्रों को लुभाने के लिए स्कॉलरशिप के नाम पर करोड़ो रुपये आवंटित किए जाते हैं। इसके बावजूद पिछले डेढ़ साल से एससी-एसटी की स्कॉलरशिप रूकी हुई है। यह बजट सिर्फ धोखा है। इनके दावे बड़े होते हैं लेकिन काम जीरो होता है। उसका ताजा उदाहरण है कोरोना के नाम पर ज़ारी 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज। इसके जरिए केंद्र सरकार ने सिर्फ देश की जनता को बेवकूफ़ बनाया गया। उसका एक भी रुपया जमीन पर खर्च नहीं हुआ। एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया प्रभारी लोकेश चुग ने कहा कि भारत के युवाओं और छात्रों को इस बजट से बेरोज़गारी दूर करने की उम्मीद थी लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इस बजट को लाकर बेरोज़गारी बढ़ाने का काम किया। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट, सड़क, बिजली को बेचकर सरकार ने देश में बेरोज़गारी का संकट खड़ा करना चाहती है जिसका खामियाज़ा छात्र एवं युवाओं को भुगतना पड़ेगा। हिन्दुस्थान समाचार/प्रभात-hindusthansamachar.in

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