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बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोवा जलप्रपात के लिए स्थायी सड़क बिछाने पर रोक लगाई

पणजी, 8 सितंबर (आईएएनएस)। बंबई उच्च न्यायालय की पणजी पीठ ने बुधवार को गोवा के सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक, दूधसागर जलप्रपात की ओर जाने वाली पक्की सड़क के निर्माण पर रोक लगा दी, जो संरक्षित वन क्षेत्र में है। सड़क के निर्माण का प्रस्ताव राज्य लोक निर्माण विभाग ने दिया था। न्यायमूर्ति एम.एस. जावलकर और महेश सोनक ने अपने आदेश में मिट्टी भरे ट्रक की नियमित आवाजाही और मरम्मत का कार्य मानसून के बाद करने की अनुमति दी है, जबकि एक पक्की सड़क के निर्माण के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यू) की स्थायी समिति के अनुमोदन की जरूरत होगी। अदालत स्थानीय एनजीओ, गोवा फाउंडेशन द्वारा दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी। अब मामले का अंतिम निपटान अक्टूबर में करना तय किया गया है। प्रथम दृष्टया, प्रस्तावित परियोजना कार्य योजना के अनुरूप नहीं है या पीए (संरक्षित क्षेत्रों) के प्रबंधन के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं है। हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि ऐसे मामलों के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित कोई प्रबंधन योजना है या नहीं। आदेश में कहा गया है, एनबीडब्ल्यूएल की स्थायी समिति ने पीए से गुजरने वाली सड़कों की यथास्थिति के रखरखाव की सिफारिश की है। सड़कों को उनके वर्तमान स्वरूप और वर्तमान चौड़ाई में सर्वोत्तम तरीके से बनाए रखा जा सकता है और मरम्मत की जा सकती है, लेकिन चौड़ीकरण या ऊंचा करने की अनुमति नहीं है। आदेश में कहा गया है, परियोजना में कम से कम प्रथम दृष्टया मौजूदा कच्ची सड़क को लगभग पक्की सड़क में अपग्रेड करना शामिल है, जहां पेवर्स को सीमेंट और कंक्रीट के आधार पर रखा जाएगा। इसके अलावा, परियोजना में मौसमी सड़क को सभी मौसमों के लिए सड़क में बदलना शामिल है। दूधसागर प्रपात भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है और राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित सड़क का उद्देश्य सुरम्य स्थल पर पर्यटकों के लिए अधिक पहुंच की सुविधा प्रदान करना है। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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