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बीकेयू प्रधान का हिसार में ऐलान, अब हरियाणा में नहीं होंगी किसान महापंचायत

तीनों बिल वापसी तक चलेगा आंदोलन किसान-मजदूर होंगे एकजुट, घरों में लगाएंगे अंबेडकर व छोटूराम की प्रतिमाएं राजेश्वर हिसार, 19 फरवरी। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि हरियाणा में महापंचायतों का दौर बंद किया जाएगा। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि किसान महापंचायतों के कारण बॉर्डर पर किसानों की संख्या कम हो रही है और लोग गांवों में महापंचायतों की ओर आ रहे हैं। शुक्रवार को उकलाना में पत्रकारों से बातचीत में गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में किसान महापंचायतें बंद की जाएंगी क्योंकि यह दोनों प्रदेश पहले से ही बहुत जागृत हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में महापंचायतों की जरूरत नहीं है। अब हरियाणा की बजाय उत्तर प्रदेश राजस्थान व अन्य प्रदेशों में किसान महापंचायतें की जाएगी। गुरनाम सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जब तक तीन काले कानून वापस नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। राकेश टिकैत के फसल जलाने वाले बयान पर गुरनाम सिंह बोले कि उनके कहने का अर्थ यह रहा होगा कि किसान अपनी फसल इस बार नहीं बेचेगा। इसके अलावा गुरनाम सिंह ने रेल रोकने के आंदोलन को सफल बताया। प्रधानमंत्री पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक कॉल की बात करके प्रधानमंत्री किसानों को गुमराह कर रहे हैं। तत्पश्चात बरवाला में आयोजित दलित सम्मेलन में गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अब सारे किसान-मजदूर एकजुट होंगे। उन्होंने आह्वान किया कि किसान भाई अपने घरों में बाबा साहब अम्बेडकर की फ़ोटो लगाएं और सभी मजदूर घरों में चौ.छोटूराम के फोटो लगायें। उन्होंने कहा हमारी लड़ाई सरकार से ही नहीं है पूंजीपतियों के साथ भी है। हमें आज तक सरकार लड़वाती आई है कभी जाति के नाम पर तो कभी धर्म के नाम पर, सरकार की इस साजिश को समझो। किसान अपने घरों में डॉ अंबेडकर की फ़ोटो लगाए और मजदूर अपने घरों में चौ. छोटूराम की फ़ोटो लगाए। उन्होंने कहा कि मजदूर भाई ये ना समझे कि 3 कृषि कानूनों की लड़ाई सिर्फ किसानों की है, किसान तो अपना काम चला लेंगे पर सबसे ज्यादा नुकसान मजदूर वर्ग को होगा। इसलिए मजदूर वर्ग से निवेदन है कि वे इस आंदोलन में अधिक से अधिक योगदान दें। यह कोई आम आंदोलन नही है, यह धर्म युद्ध है, देश को बचाने का धर्म युद्ध, देश की आर्थिक आजादी को बचाने का युद्ध है। उन्होंने बड़े पूंजीपति अम्बानी और बाबा रामदेव पर भी निशाना साधा और कहा कि इन पूंजीपतियों के सामान का बहिष्कार करें। आगामी चुनावों बारे उन्होंने कहा कि किसी को भी वोट दे देना पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार को किसी भी चुनाव में वोट मत देना। दलित सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व सरपंच विष्णु दत्त और प्रधान सत्यवान बालक ने की। कार्यक्रम में डॉक्टर मिया सिंह बिठमडा, डॉक्टर सोहनलाल खेदड़, वीरेंद्र भानखोड, प्रधान काला कनोह, जिला अध्यक्ष राजेश सरसोद, राजू भगत सरसोद, प्रधान रामनिवास बिसला, श्रद्धानंद राजली, रोहतास राजली, समीर इंदौरा रीना नैन, सुशीला व सतीश बिठमडा आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार

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