हिंदू शरणार्थियों के भयावह अनुभव को देश के सामने लाएगी भाजपा, जारी करेगी डॉक्यूमेंट्री
हिंदू शरणार्थियों के भयावह अनुभव को देश के सामने लाएगी भाजपा, जारी करेगी डॉक्यूमेंट्री

हिंदू शरणार्थियों के भयावह अनुभव को देश के सामने लाएगी भाजपा, जारी करेगी डॉक्यूमेंट्री

भाजपा रविवार को अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर हिंदू शरणार्थियों के भयावह अनुभव के विषय पर एक डॉक्यूमेंट्री जारी करेगी। ये शरणार्थी पश्चिमी पाकिस्तान से हैं और जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं। भाजपा ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘वे एक आजाद देश में गुलाम थे लेकिन बिना अनुच्छेद-370 वाले नए जम्मू-कश्मीर में अब नहीं..! दशकों तक के इन लोगों के भयावह अनुभव और संघर्ष को देखें… एक, दो और तीन अगस्त को रात नौ बजे।’ ज्ञात हो कि पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया था और तब से केंद्र सरकार हिंदू शरणार्थियों को कई अधिकार देने में जुटी है जिनसे उन्हें अब तक वंचित रखा गया था। भाजपा ने तत्काल तीन तलाक विधेयक का विरोध करने के लिए भी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक जैसी पार्टियों पर निशाना साधा। भाजपा ने कहा कि ये पार्टियां मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ खड़ी हुई थीं और इतिहास इसे याद रखेगा। मालूम हो कि संसद ने यह विधेयक पिछले साल 30 जुलाई को पारित किया था। अभी कल ही विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि इस हफ्ते की शुरुआत में अफगानिस्तान से आए सिख और हिंदू समुदाय के लोगों के भारत में स्थायी निवास के अनुरोध पर वर्तमान नियमों और नीतियों के अनुसार विचार किया जाएगा और उसकी व्यवस्था की जाएगी। मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार अन्य लोगों के संपर्क में भी है जो अफगानिस्तान से आना चाहेंगे और उनके आने की व्यवस्था भी कराएंगे। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) कह चुके हैं कि दिल्ली में रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को दीर्घकालिक वीजा प्रदान किया जाएगा और उन्हें भारत में बसने के लिए सक्षम बनाया जाएगा। गृह मंत्री ने भरोसा दिया था कि कानून के प्रावधानों के अनुसार नागरिकता देने में तेजी लाई जाएगी और सभी हिंदू शरणार्थियों को देश के नागरिक के रूप में स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने बताया था कि परिवार के मुखिया को एक प्रमाणपत्र मिलेगा जो बाकी परिवार के लिए भी मान्य होगा।-newsindialive.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in