केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा- देश की अर्थव्यवस्था में बांस का होगा अहम रोल
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा- देश की अर्थव्यवस्था में बांस का होगा अहम रोल

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा- देश की अर्थव्यवस्था में बांस का होगा अहम रोल

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा- देश की अर्थव्यवस्था में बांस का होगा अहम रोल नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि बांस भारत में पर्यावरणीय, औषधीय, कागज और निर्माण क्षेत्रों का मुख्य स्तंभ बन सकता है और कोविड-19 महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था के घटकों में एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है। पूर्वोत्तजर क्षेत्र विकास मंत्रालय की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने बेंत और बांस प्रौद्योगिकी केंद्र (सीबीटीसी) से आग्रह किया कि वह बांस क्षेत्र के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्रों की स्थापना करने की संभावनाओं को खंगालें ताकि इस क्षेत्र का पूर्ण दोहन किया जा सके तथा भारत और विदेशों में इसकी पैकेजिंग, ब्रांडिंग और विपणन हो सके। 1 अगस्त से काटा जाएगा 12 फीसद ईपीएफ, छूट की सीमा आज समाप्त उन्होंने कहा कि बांस भारत में पारिस्थितिकीय, औषधीय, कागज और निर्माण क्षेत्रों का मुख्य स्तंभ हो सकता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने कहा कि सीबीटीसी, राष्ट्रीय बांस मिशन के समन्वय में, पूर्वोत्तर क्षेत्र में बांस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगा। उन्होंने कहा कि कौशल केंद्र नए स्टार्ट-अप के साथ बांस उद्योग को बढ़ावा देंगे और आजीविका के अवसरों को भी बढ़ाएंगे। सिंह ने कहा कि बांस क्षेत्र, कोविड-19 के बाद की भारत की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण घटकों में से एक होगा तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होगा। कोरोना की मार : अमेरिकी अर्थव्वस्था में दूसरी तिमाही में 33 प्रतिशत की बड़ी चोट उल्लेखनीय है कि इस साल जून में सरकार ने बांस पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया। इसका मकसद अगरबत्ती विनिर्माताओं को घरेलू बांस का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह कदम स्थानीय बांस किसानों को लाभ प्रदान करेगा। साथ ही अगरबत्ती उत्पादन में लगे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को भी फायदा होगा, क्योंकि पहले केवल बड़े अगरबत्ती विनिर्माता ही कम कीमतों पर बांस का आयात करने में सक्षम थे। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 8-10 महीनों में, अगरबत्ती उद्योग में कम से कम एक लाख नई नौकरियां पैदा होंगी, जो कि भारत में ग्रामोद्योग क्षेत्र के अंतर्गत एक प्रमुख कारोबार है। वर्तमान में भारत में अगरबत्ती की खपत 1,490 टन प्रतिदिन की है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसका उत्पादन केवल 760 टन का ही होता है। Thank You, Like our Facebook Page - @24GhanteUpdate 24 Ghante Online | Latest Hindi News-24ghanteonline.com

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