भारतवंशियों को भारत से जोड़ने वाले महापुरुष थे डॉ. बालेश्वर अग्रवाल: डॉ. हर्षवर्धन
भारतवंशियों को भारत से जोड़ने वाले महापुरुष थे डॉ. बालेश्वर अग्रवाल: डॉ. हर्षवर्धन

भारतवंशियों को भारत से जोड़ने वाले महापुरुष थे डॉ. बालेश्वर अग्रवाल: डॉ. हर्षवर्धन

- बालेश्वर अग्रवाल के जन्मशताब्दी वर्ष का शुभारंभ - आज का प्रवासी मंत्रालय बालेश्वर अग्रवाल की ही देन जितेन्द्र तिवारी नई दिल्ली, 17 जुलाई (हि.स.)। वरिष्ठ पत्रकार, हिन्दुस्थान समाचार के यशस्वी प्रधान संपादक व महाप्रबंधक और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के संस्थापक स्व. बालेश्वर अग्रवाल के जन्म शताब्दी वर्ष का शुक्रवार को गरिमापूर्ण शुभारंभ हुआ। वर्चुअल तकनीक के माध्यम से आयोजित एक समारोह में देश-विदेश के विशिष्ट प्रतिनिधियों की उपस्थिति में स्व. बालेश्वर अग्रवाल के विराट व्यक्तित्व का भावपूर्ण स्मरण किया गया। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने स्व. बालेश्वर अग्रवाल जन्मशताब्दी वर्ष का उद्घाटन किया। अपने सम्बोधन में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्व. बालेश्वर अग्रवाल अपने आप में एक पूर्ण संस्था थे और उनका व्यक्तित्व और उनका आभामंडल अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद से भी विशाल था। उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय सहयोग परिषद (एआरएसपी) के माध्यम से बालेश्वर जी ने भारत की समृद्ध संस्कृति, परम्पराओं और आदर्शों को विश्व के अधिकांश देशों तक पहुंचाया। डॉ. हर्षवर्धन ने उन्हें समर्पित और परिश्रमी व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि उन्होंने विश्व भर में बसे भारतवंशियों, विशेष रूप से हिन्दुओं को आपस में जोड़ने का उल्लेखनीय कार्य किया। उन्होंने अपने सात्विक विचारों और आत्मीय व्यवहार से विश्व के अनेक देशों के प्रधानमंत्रियों और प्रमुख व्यक्तियों के साथ मिलकर भारतीयता के आदर्शों का भी प्रचार-प्रसार किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने अथक परिश्रम से ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को भारतीय भाषाओं की सबसे प्रतिष्ठति समाचार एजेंसी बनाया। बालेश्वर अग्रवाल जन्मशताब्दी समारोह के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए भारत सरकार के विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि आज भारतवंशी यदि सरकार की नीति और योजनाओं के केन्द्र बिन्दु में हैं तो उसका श्रेय केवल स्व. बालेश्वर अग्रवाल को जाता है। अस्सी के दशक में जब कोई पीआईओ, ओआईसी, एनआरआई के बारे में ज्यादा नहीं जानता था, चर्चा नहीं करता था, तब बालेश्वर अग्रवाल ने अन्तरराष्ट्रीय सहयोग परिषद का गठन कर इसके महत्व को रेखांकित किया था। आज दुनिया भर के देशोंं में हमारे दूतावास भारतवंशियों की हर क्षण मदद को तत्पर रहते हैं, इसका मार्ग भी बालेश्वर अग्रवाल ने दिखाया, जब 1996 में उन्होंने स्वयं ही एक हेल्पलाइन शुरू कर दी थी। भारतवंशियों को भारत से जोड़ने और प्रवासी भारतीयों के लिए किए गए अतुलनीय कामों की लंबी फेहरिस्त गिनाते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रवासी और बालेश्वर अग्रवाल एक प्रकार से समानार्थी शब्द हैं। हमारी पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज ने भी भारतवंशियों के लिए बालेश्वर अग्रवाल के काम को रेखांकित करते हुए उनकी सलाह को हमेशा बहुत महत्व दिया था। इस अवसर पर हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी के अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सदस्य आरके सिन्हा ने बालेश्वर अग्रवाल के मार्गदर्शन में एजेंसी के विकास की यात्रा को सामने रखा। उनके साथ पत्रकारिता और विदेश भ्रमण के अनेक प्रसंगों का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि उनका व्यक्तित्व इतना विराट था कि दो दिन लगातार भी बोलूं तो वह पूरा सामने नहीं आ सकेगा। उन्होंने विश्व भर के भारतवंशियों को भारत से जोड़ने का तो काम किया ही, उससे कहीं अधिक उन्होंने उनसे परिवारों के साथ बहुत निकट और प्रगाढ़ संबंध बनाकर एक विश्वव्यापी परिवार की आधारशिला भी रखी। बालेश्वर अग्रवाल के व्यक्तित्व को नारियल के समान बताते हुए आरके सिन्हा ने कहा कि वे कार्य के प्रति कर्म कठोर पर लोगों के प्रति अत्यंत नरम थे। वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने स्व. बालेश्वर अग्रवाल के व्यक्तित्व की विशिष्टताओं का वर्णन करते हुए कहा कि उनके भीतर एक वैराग्य था, एक निरंतरता थी, वे प्रयोगधर्मी थे, प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी थे, बहुत बड़े थे पर बड़प्पन उनको छूकर भी नहीं गया, अहंकार का पुट कभी नहीं दिखा। उन्होंने सुझाव दिया कि स्व. बालेश्वर अग्रवाल ने अपने जीवन काल में जितना भी लिखा है, एआरएसपी को उसे संकलित कर इस जन्मशताब्दी वर्ष में उसका प्रकाशन करना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के राजनीतिक सलाहकार रहे और वर्तमान में प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य अशोक टंडन ने भी भारतवंशियों को भारत के निकट लाने में बालेश्वर अग्रवाल के योगदान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आज केन्द्र सरकार में जो प्रवासी भारतीय मंत्रालय है, वह एक प्रकार से बालेश्वर अग्रवाल की ही देन है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय विदेश, खासकर उन देशों में जहां भारतीय बड़ी संख्या में रहते हैं, से व्यवहार के बारे में बालेश्वर अग्रवाल से परामर्श लेना एक सामान्य प्रक्रिया थी, क्योंकि बालेश्वर अग्रवाल के नेपाल, भूटान, मॉरीशस, ट्रिनिडाड-टोबैगो, सूरीनाम आदि देशों में बहुत प्रगाढ़ संबंध थे। बालेश्वर अग्रवाल के प्रयासों से ही भारतवंशियों के बारे में देखने का दृष्टिकोण बदला। उससे पहले लोग यही समझते थे कि वे तो पैसा कमाने बाहर गए हैं, हम चिंता क्यों करें। अब यह स्थापित हो गया है कि ये भारतवंशी विश्व में भारत की बेहतर पहचान बनाने के साथ ही भारत की आर्थिक उन्नति में भी योगदान करते हैं। बालेश्वर अग्रवाल जन्मशताब्दी समारोह का यह आयोजन अन्तरराष्ट्रीय सहयोग परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र और हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी ने संयुक्त रूप से किया था। इस क्रम में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की योजनाओं की भी चर्चा हुई और सुझाव मांगे गए। इस वर्चुअल समारोह में मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ और केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल का संदेश भी सुनाया गया। भूटान के राजदूत मेजर जनरल नामग्याल सहित अनेक देशों के प्रतिनिधि तीन घंटे से अधिक समय तक चले कार्यक्रम में बने रहे व अनेक प्रतिनिधियों ने स्व. बालेश्वर अग्रवाल से जुड़े संस्मरण सुनाए। कार्यक्रम का संचालन एआरएसपी के महासचिव श्याम परांडे ने किया। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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