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पशु चिकित्सा विज्ञान में आयुर्वेद को दिया जाएगा बढ़ावा

नई दिल्ली, 08 अप्रैल (हि.स.)। केन्द्र सरकार पशु चिकित्सा विज्ञान में आयुर्वेद को बढ़ावा देना चाहती है जिससे पशुओं के लिए आयुर्वेदिक दवाओं को विकसित किया जा सके। सरकार की योजना है कि जड़ी-बूटियों पर शोध किया जाए। इन विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया। इन्हीं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने आयुष मंत्रालय के साथ एक समझौता किया है। पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पशु चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेदिक दवाओं के शोध पर काम किया जाएगा। इसके लिए मत्स्य पालन, पशुपालन तथा डेयरी मंत्रालय के पशुपालन तथा डेयरी विभाग और आयुष मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके तहत पशु चिकित्सा विज्ञान में औषधीय पौधों के माध्यम से गुणवत्ता संपन्न दवा के नए फॉर्मूलेशनों पर शोध सहित अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस सहयोग से पशु स्वास्थ लाभ, पशुपालक समुदाय और समाज के लाभ के लिए पशु चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेद के उपयोग के इस्तेमाल के लिए नियामक व्यवस्था विकसित करने की योजना है। आयुष और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के आपसी सहयोग से हर्बल पशु चिकिस्ता शिक्षा कार्यक्रम विकसित किए जाने की योजना है। हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष

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