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असम के तेल कुएं में आग मामला: एनजीटी ने तीन कमेटियों का किया गठन

नई दिल्ली, 19 फरवरी (हि.स.)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने असम के तिनसुकिया जिले में बागजान स्थित तेल के कुएं में लगी आग की जिम्मेदारी ठेकेदार पर मढ़कर आयल इंडिया लिमिटेड भाग नहीं सकती है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस घटना के जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी तय करने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। एनजीटी ने इस कमेटी के अलावा दो और कमेटियों का गठन किया है जो विभिन्न पहलूओं का अध्ययन करेगी। एनजीटी ने कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। लापरवाही की जिम्मेदारी तय करने के लिए एनजीटी की ओर से गठित कमेटी की अध्यक्षता पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के महानिदेशक करेंगे। इस कमेटी में हाईड्रोकार्बन के महानिदेशक, माईंस एंड सेफ्टी के महानिदेशक, आयल इंडस्ट्री सेफ्टी के डीजी, और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गनाइजेशन (पेसो) के डीजी, चीफ कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव्स को शामिल किया गया है। एनजीटी ने एयर एक्ट, वाटर एक्ट, एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट और हेजार्डस वेस्ट रुल्स एक्ट का पालन किया गया है कि नहीं इसकी पड़ताल के लिए भी सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में वन और पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, असम राज्य नियंत्रण बोर्ड, असम स्टेट एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी, असम के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन, असम के बायोडायवर्सिटी बोर्ड के सदस्य सचिव और असम वेटलैंड अथॉरिटी के सदस्य सचिव शामिल हैं। कमेटी तीन महीने में अपना काम पूरा करेगी। एनजीटी ने पर्यावरण को हुए नुकसान और उसकी भरपाई का आकलन करने के लिए दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की अध्यक्षता असम के मुख्य सचिव करेंगे। इस कमेटी में वन और पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नामित सदस्य, असम वेटलैंड अथॉरिटी, असम बायोडायवर्सिटी बोर्ड, असम स्टेट एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी, असम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक-एक प्रतिनिधि, असम के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन, तिनसुकिया के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और आयल इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शामिल होंगे। एनजीटी ने 24 जून 2020 को आग पर काबू पाने में विफल रहने पर आयल इंडिया पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। याचिका बोनानी कक्कड़ ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि 27 मई 2020 को बागजान के तेल कुएं में सुबह साढ़े दस बजे से हुए रिसाव की वजह से आग लगने से पूरे इलाके का पर्यावरण और लोगों की जानमाल को काफी नुकसान हुआ है। बागजान आयल इंडिया लिमिटेड की 23 तेल कुओं में से एक कुंआ है। तेल के कुएं से जिन गैसों का रिसाव हुआ उनमें प्रोपेन, मिथेन, प्रोपाईलीन और दूसरी गैसों का मिश्रण था। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत

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