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सेना ने उल्फा-आई के भर्ती मॉड्यूल का किया भंडाफोड़, 7 युवक गिरफ्तार

गुवाहाटी, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने उल्फा-आई के एक भर्ती मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और सात युवकों को गिरफ्तार किया है, जो म्यांमार में इस गैरकानूनी संगठन के प्रशिक्षण शिविरों में जा रहे थे। रक्षा अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट द्वारा की जा रही भर्ती के एक विशिष्ट इनपुट पर कार्रवाई करते हुए, रेड शील्ड डिवीजन के जॉयपुर बटालियन के कर्मियों की एक संयुक्त टीम ने सोनारी पुलिस के साथ मिलकर बुधवार को पूर्वी असम के शिवसागर जिले में मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। प्रवक्ता ने कहा, नामटोला (शिवसागर जिले के अंतर्गत) के सात युवाओं को उस समय हिरासत में लिया गया, जब वे म्यांमार सीमा पर उल्फा-आई के प्रशिक्षण शिविरों में जा रहे थे। समूह में एक ऐसा कैडर शामिल था, जिसने पहले 2016 में आत्मसमर्पण किया था और एक ऐसा कैडर था, जो कुछ साल पहले प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने की कोशिश कर चुका था। ऑपरेशन के दौरान, गोला-बारूद के साथ एक पिस्तौल भी बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि पकड़े गए सभी व्यक्तियों को पुलिस को सौंप दिया गया है और उन्होंने कबूल किया है कि उन्हें उल्फा-आई के आकाओं द्वारा भर्ती किया जा रहा था। इस प्रकार उल्फा-आई द्वारा घोषित एकतरफा युद्धविराम का मिथक भी टूटा है। उल्फा-आई के कमांडर-इन-चीफ परेश बरुआ ने हाल ही में सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार होने का संकेत दिया था। बरुआ ने कहा था कि उनके समूह को कोई आपत्ति नहीं होगी, यदि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा केंद्र के साथ संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थता करते हैं। असम के प्रमुख टेलीविजन चैनल न्यूज लाइव के मुख्य प्रबंध संपादक सैयद जरीर हुसैन से बात करते हुए, बरुआ ने कहा था कि सरमा में शांति वार्ता को आगे बढ़ाने का साहस, सच्चाई और ईमानदारी है। इस सप्ताह की शुरुआत में असम के मुख्यमंत्री ने कहा था कि उल्फा-आई के साथ बातचीत की एक अनौपचारिक प्रक्रिया चल रही है और अगले दो से तीन वर्षों के भीतर समस्याओं का समाधान किया जाएगा। सरमा ने कहा, सरकार ने उल्फा-आई के साथ कुछ संवाद किया है। मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा कि क्या ऐसी स्थिति पैदा होने पर मैं बरुआ से सीधे बात कर सकता हूं। उन्होंने मुझे अनुमति दी और कहा कि यह एक संरचित वार्ता होनी चाहिए। सरमा भाजपा समर्थक नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक भी हैं। इस बार कई दशकों के बाद एक सकारात्मक कदम के तौर पर संगठन ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह के बहिष्कार का आह्रान करने से परहेज किया था। उल्फा-आई, जिसे वार्ता-विरोधी संगठन के रूप में भी जाना जाता है और पूर्वोत्तर क्षेत्र में विभिन्न अन्य चरमपंथी समूहों ने नियमित रूप से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस समारोह के बहिष्कार का आह्रान किया है। बरुआ ने इस साल मई से, असम सरकार को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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