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आम्रपाली बिल्डर से बकाया वसूली में 8 फीसदी से ज्यादा ब्याज न लेने का आदेश वापस लेने की मांग

नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.) । आम्रपाली के फ्लैट धारकों के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट को उस आदेश को वापस लेना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि बिल्डर के बकाये की वसूली में 8 फीसदी से ज्यादा ब्याज न लिया जाए। 10 जून, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को निर्देश दिया था कि वो बिल्डरों से भुगतान में देरी करने पर ब्याज दर काफी ज्यादा नहीं लें। कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को निर्देश दिया था कि वो बिल्डरों से लेट पेमेंट के लिए आठ फीसदी से ज्यादा का ब्याज नहीं वसूलें। कोर्ट ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया था कि एनपीए घोषित हो चुके होम लोन के मामले में भी फ्लैटधारकों को रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के मुताबिक धन देने का निर्देश दें। कोर्ट ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आम्रपाली के फ्लैट धारकों को को दिए गए लोन का पुनर्गठन करने और शेष राशि को जारी करने का निर्देश दिया था, जो अब तक जारी नहीं की गई है । कोर्ट ने कहा था कि इस राशि का उपयोग निर्माण पूरा करने के लिए किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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