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अमित शाह ने आंध्र के घटनाक्रम पर चंद्रबाबू नायडू से की बात

अमरावती, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से फोन पर आंध्र प्रदेश के हालिया घटनाक्रम के बारे में बात की। तेदेपा सूत्रों के अनुसार, शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री को फोन किया, क्योंकि जब वह कश्मीर की यात्रा पर थे, उस दौरान नायडू के नई दिल्ली में होने पर भी बातचीत के लिए समय नहीं दे सके थे। माना जाता है कि नायडू ने राज्य प्रायोजित आतंकवाद के कारण आंध्र प्रदेश में मौजूदा स्थिति से शाह को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। तेदेपा नेता ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। तेदेपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के कार्यकर्ताओं ने राज्य में तेदेपा कार्यालयों और नेताओं पर हमला किया, क्योंकि विपक्षी दल मादक पदार्थो की तस्करी के खिलाफ आवाज उठा रहा था। उन्होंने शाह से कहा कि तेदेपा नेताओं को झूठे मामलों के जरिए निशाना बनाया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि नायडू को अमित शाह का फोन कॉल आने की जानकारी तब आई, जब कुछ घंटों पहले वाईएसआरसीपी संसदीय दल के नेता विजय साईं रेड्डी ने दावा किया कि नायडू को केंद्रीय गृहमंत्री से मिलने नहीं दिया गया। नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, वाईएसआरसीपी नेता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोई भी तेदेपा नेता से मिलने के लिए तैयार नहीं था। उन्होंने टिप्पणी की कि दिल्ली के नेता नायडू के रंग जानते हैं और किसी ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। विजय साईं रेड्डी ने कहा कि नायडू ने आखिरकार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की, लेकिन उन्हें पता है कि उनसे क्या चर्चा की होगी। वाईएसआरसीपी नेता ने जानना चाहा कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के नेता द्वारा वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किए जाने का समर्थन करने दिल्ली पहुंच गए। वाईएसआरसीपी सांसद ने नायडू की राष्ट्रपति शासन की मांग का उपहास उड़ाते हुए कहा कि एक व्यक्ति जो सभी चुनाव हार गया, वह राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा, नायडू कह रहे हैं कि राज्य में राज्य प्रायोजित आतंकवाद है। मैं यह रेखांकित करना चाहता हूं कि चंद्रबाबू नायडू खुद एक बड़े आतंकवादी हैं। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि वह असामाजिक तत्वों के सम्राट हैं। लोग महसूस कर रहे हैं कि चंद्रबाबू उपद्रवी तत्वों और आतंकवादी संगठनों के नेता हैं। वाईएसआरसीपी ने आरोप लगाया कि नायडू जातियों और समुदायों के बीच परेशानी पैदा कर रहे हैं और अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए लोगों के एक वर्ग को दूसरे के खिलाफ भड़का रहे हैं। इस बीच, नायडू पर रेड्डी के हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तेदेपा नेताओं- के. नारायण और देवीनेनी उमामहेश्वर राव ने पूछा कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पिछले एक साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लिए प्रयास क्यों नहीं कर रहे थे। उन्होंने विजय साईं रेड्डी को सलाह दी कि वे नायडू को बेवजह गालियां देने के बजाय मुख्यमंत्री की विफलताओं के बारे में आत्मनिरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि पूरे आंध्र के लोग जानते हैं कि कैसे जगन रेड्डी को लंबे इंतजार के बावजूद अमित शाह से बात करने का समय नहीं दिया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने अक्टूबर, 2020 के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी, लेकिन उसके बाद पीएम से मिलने का समय लेने की उन्हें हिम्मत नहीं पड़ी। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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