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अमेरिकी जलवायु परिवर्तन के दूत कैरी की जयशंकर और जावड़ेकर से मुलाकात

नई दिल्ली, 06 अप्रैल (हि.स.) । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के पर्यावरण संबंधी विशेष प्रतिनिधि जॉन कैरी ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की तथा द्विपक्षीय संबंधों और विशेषकर जलवायु परिवर्तन संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुलाकात के संबंध में कहा कि हमने दुनिया के सामने मौजूद जलवायु परिवर्तन की समस्या पर विचार-विमर्श किया। अमेरिकी प्रतिनिधि ने जावड़ेकर से भारत में जलवायु परिवर्तन की समस्या का मुकाबला करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी हासिल की। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन की समस्या पर विचार करने के लिए एक शिखर वार्ता आयोजित की है। 22 और 23 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। भारतीय नेताओं से मुलाकात के दौरान कैरी ने इस वर्ष के अंत में आयोजित होने वाले जलवायु परिवर्तन संबंधी विश्व सम्मेलन cop26 के बारे में भी विचार-विमर्श किया। बाद में कैरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत में बहुत महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। लाखों-करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है। भारत विश्व मंच पर आज प्रमुख देश बन गया है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान करने में भारत को बड़ी भूमिका निभानी है। भारत-अमेरिका संबंधों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी विकास यात्रा में भारत को उनके देश से बहुत सीखने को मिल सकता है। अमेरिका की वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी प्रगति से भारत लाभ उठा सकता है। अमेरिका के रूप में भारत को एक दोस्त और साझेदार मिला है जो एक टिकाऊ भविष्य के लिए विकास का लक्ष्य हासिल के लिए मददगार हो सकता है। कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने में भारत की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भारत ने विश्व नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। उन्होंने अक्षय ऊर्जा के विकास के लिए भारत में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा के विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा के अधिकाधिक प्रयोग और अंतरराष्ट्रीय सौर ऊर्जा गठबंधन के संबंध में भी भारत के प्रयासों की सराहना की। एक अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने कहा है कि सौर ऊर्जा के उत्पादन और भंडारण में वर्ष 2040 तक भारत अव्वल दर्जे पर आ जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप

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