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अमेजन-फ्यूचर मामला : भारी मात्रा में दस्तावेज दाखिल किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना ने मंगलवार को फ्यूचर-अमेजन मामले में पक्षकारों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में भारी दस्तावेज (एक ही मामले में 21 खंड) दाखिल किए हैं और इससे अनावश्यक असुविधा होती है, क्योंकि दस्तावेज दोहराए जाते हैं। शीर्ष अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 8 दिसंबर को निर्धारित की है। पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल थे, ने इस मामले में दोनों पक्षों को एक-दूसरे के साथ बैठने और कम से कम पृष्ठों के साथ एक सुविधाजनक संकलन दाखिल करने को कहा। अमेजन-फ्यूचर रिटेल मामले में दायर की गई याचिकाओं में पक्षकारों की ओर से भारी मात्रा में दस्तावेज दाखिल किए जाने पर शीर्ष अदालत ने नाखुशी प्रकट करते हुए कहा कि क्या उद्देश्य महज मामले को लंबे समय तक खींचना या न्यायाधीशों को प्रताड़ित करना है। इसके साथ ही, न्यायालय ने दस्तावेजों का एक साझा व संक्षिप्त संकलन मांगा। सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने एक वकील से कहा, यह समस्या है अगर आप एक ही मामले में 21 खंड (वॉल्यूम) दाखिल करते हैं। मैंने बार-बार यह बात कही है। अनावश्यक बातें.. दस्तावेजों की पुनरावृत्ति.. फ्यूचर रिटेल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने मामले में तथ्य प्रस्तुत करने के लिए पीठ की अनुमति मांगी। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने मौखिक रूप से दोहराते हुए कहा, इतने खंड दाखिल करने का आखिर क्या मतलब है? उन्होंने आगे कहा, क्या यह केवल जजों को परेशान करने के लिए है, आखिर बात क्या है? इस पर साल्वे ने जवाब दिया कि यह पूरी तरह से अनावश्यक है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, हम एक काम करेंगे। हम आपको कुछ समय देंगे, क्या आप एक सुविधाजनक संकलन दाखिल कर सकते हैं? इस पर साल्वे ने जवाब दिया कि इस तरह के मामले में एक संकलन होना चाहिए था। पीठ ने पक्षों को निर्देश दिया कि दस्तावेजों की न्यूनतम संख्या के साथ एक संकलन फाइल करें। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने प्रस्तुत किया कि पक्ष एक दूसरे के साथ बातचीत करेंगे और एक छोटा संकलन प्रस्तुत करेंगे। दलीलें सुनने के बाद, पीठ ने कहा कि सभी पक्ष दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने और एक सामान्य संकलन दाखिल करने के लिए सहमत हैं। पीठ ने कहा, मामला 8 दिसंबर को लिया जाएगा। दस्तावेजों को पूरी तरह से अनुक्रमित किया जाना चाहिए। इससे पहले मामले में सुनवाई करते हुए 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप को 23 नवंबर को सुनवाई की अगली तारीख तक रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को अपनी खुदरा संपत्ति की प्रस्तावित 24,731 रुपये की बिक्री के साथ आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा था। शीर्ष अदालत ने कहा था, हम आपको इस बीच कुछ भी करने की अनुमति नहीं दे सकते। हम इस पर बहुत स्पष्ट हैं। आपके मुकदमे और एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दाखिल करने का सवाल कहां है .. हमें उम्मीद है कि आप आगे नहीं बढ़ेंगे। 9 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, जिसमें सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थ (ईए) अवॉर्ड को लागू करने की मांग की गई थी, जिसने फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ रुपये के विलय के साथ आगे बढ़ने से रोक दिया था। शीर्ष अदालत ने तब कहा था, हमें लगता है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष आगे की सभी कार्यवाही पर रोक लगाकर दोनों पक्षों के हितों को संतुलित करना उचित है। तदनुसार आदेश दिया गया है। हम आगे सभी अधिकारियों, यानी एनसीएलटी, सीसीआई और सेबी को निर्देश देते हैं कि आज से चार सप्ताह की अवधि के लिए कोई अंतिम आदेश पारित न करें। यह आदेश दोनों पक्षों की सहमति से पारित किया गया है। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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