Air warriors saved the lives of 34 Kovid patients
Air warriors saved the lives of 34 Kovid patients

एयर वॉरियर्स ने बचाई 34 कोविड मरीजों की जान

- वायुसेना ने अपने सूक्ति वाक्य ‘अपत्सु मित्रं’ की सार्थकता को बढ़ाया - कारनिकोबार में 24 घंटे सक्रिय रहा कोविड-19 हेलिकॉप्टर उड़ान दल - जुलाई, 2020 से अब तक 34 कोविड रोगियों को पहुंचाया पोर्ट ब्लेयर नई दिल्ली, 01 जनवरी (हि.स.)। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भले ही पृथ्वी के सबसे सुंदर द्वीपों में से एक हो लेकिन इसे कनेक्टिविटी के स्तर पर काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कनेक्टिविटी के मामले में न तो आसपास के मुख्य भूभाग के साथ इसका बेहतर संपर्क है और न ही खुद अपने निर्धारित भूभाग में बेहतर कनेक्टिविटी है। इसलिए अंडमान और निकोबार कमान के तहत वायुसेना स्टेशन कारनिकोबार में भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर टीम को गंभीर हालत वाले मरीजों को पोर्ट ब्लेयर पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। कोविड-19 हेलिकॉप्टर उड़ान दल ने 24 घंटे सक्रिय रहकर जुलाई, 2020 से अब तक 34 कोविड रोगियों को पोर्ट ब्लेयर पहुंचाकर उनकी जान बचाई। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कनेक्टिविटी की समस्या राहत और सुरक्षा के काम को बाधित करने के साथ कई अन्य समस्याएं भी पैदा करती है। इसके चलते कोविड मरीजों को विभिन्न द्वीपों से पोर्ट ब्लेयर तक तुरंत और सुरक्षित पहुंचाना बेहद जरूरी था। कनेक्टिविटी की समस्या को देखते हुए कोविड-19 महामारी के दौरान वायुसेना स्टेशन कारनिकोबार में भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर टीम को तैनात किया गया। इस कोविड-19 राहत दल में पायलट और तकनीशियनों की एक समर्पित टीम को रखा गया। हेलीकॉप्टरों को गंभीर मरीजों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने और उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए लगाया गया। टीम को किसी भी समय अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया ताकि अल्प सूचना पर भी मरीजों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा सके। वायुसेना प्रवक्ता ने बताया कि टीम को गंभीर हालत वाले मरीजों को पोर्ट ब्लेयर पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इस साल जून से अब तक कोविड-19 हेलिकॉप्टर उड़ान दल ने दिन-रात काम करते हुए कई उड़ानें भरीं। टीम ने 'सुरक्षित कोविड उड़ान' के लिए 24x7 काम करके हेलीकॉप्टरों की उच्च परिचालन क्षमता को सुनिश्चित किया। इन एयर वॉरियर्स के लिए सख्त कोविड प्रोटोकॉल और सुरक्षा उपाय निर्धारित किए गए थे। प्रत्येक उड़ान के बाद टीम के इन सदस्यों को लंबे समय तक आइसोलेशन में रखा गया। उड़ान के दौरान संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए मरीजों और उड़ान टीम के सदस्यों के बीच विभाजन किया गया, ताकि मरीज और उड़ान दल एक-दूसरे के संपर्क में न आएं। प्रवक्ता ने बताया कि शारीरिक और मानसिक चुनौतियों के बावजूद जोश और उत्साह से भरे इन पेशेवरों ने अपने दायित्व के प्रति असाधारण समर्पण दिखाया और नागरिकों के लिए 'उड़नदूत' बनकर मदद करते रहे। यह पेशेवर जुलाई, 2020 से अब तक लगभग 34 कोविड रोगियों को सुरक्षित तरीके से पोर्ट ब्लेयर पहुंचा चुके हैं। इन हेलीकॉप्टरों ने गर्भावस्था की जटिलताओं का सामना कर रही पांच महिलाओं को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। ऐसा करके भारतीय वायुसेना ने अपने हेलीकॉप्टरों के साथ जुड़े उस ‘अपत्सु मित्रं’ सूक्ति वाक्य को प्रमाणित किया जिसका अर्थ है ‘विपत्ति में मौजूद दोस्त’। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर और उड़ान दल हमेशा सतर्क रहते हैं, और हमारे नागरिकों की त्वरित गति से सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत-hindusthansamachar.in

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