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बालाकोट स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह पर वायुसेना ने दिखाई ताकत

- मिराज-2000 मल्टी-रोल फाइटर जेट्स से लंबी दूरी के सटीक हमले किये गए - राजस्थान के अभ्यास रेंज में एक लक्ष्य के खिलाफ गिराए गए स्पाइस-2000 बम नई दिल्ली, 27 फरवरी (हि.स.)। बालाकोट में घुसकर आतंकवादियों के कैंप तबाह करने की दूसरी सालगिरह मनाने के लिए भारतीय वायुसेना के मिराज जेट्स ने लगभग 60 किमी. दूरी से स्पाइस बमों से हमला करने की अपनी ताकत दिखाई। इस अभ्यास मिशन में ठीक उसी तरह लंबी दूरी के सटीक हमले किये गए जिस तरह स्पाइस-2000 बम गिराकर आतंकी कैम्पों को तबाह किया गया था। ख़ास बात यह रही कि इसमें वही एयरक्राफ्ट और वही हथियार इस्तेमाल किये गए जो बालाकोट एयर स्ट्राइक में किये गए थे। वायुसेना प्रमुख ने भी शनिवार को बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल रहीं यूनिटों के पायलटों के साथ एक मल्टी एयरक्राफ्ट में उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना ने बालाकोट ऑपरेशंस की दूसरी वर्षगांठ पर राजस्थान के एक अभ्यास रेंज में एक अभ्यास मिशन लांच किया। एक लक्ष्य के खिलाफ ठीक उसी तरह मिराज-2000 मल्टी-रोल फाइटर जेट्स से 60 किमी. दूर से सटीक हमले किये गए जिस तरह इजराइली स्पाइस-2000 बम गिराकर दो साल पहले आतंकी कैम्पों को तबाह किया गया था। इस मिशन को उसी स्क्वाड्रन के सदस्यों ने अंजाम दिया, जिसने बालाकोट में वास्तविक ऑपरेशन किए थे। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने भी आज दोपहर को बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल रहीं यूनिटों के पायलटों के साथ एक मल्टी एयरक्राफ्ट में उड़ान भरी। बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर पुलवामा हमले का भारत ने पाकिस्तान से 26 फरवरी 2019 के ही दिन तड़के 3.30 बजे बदला लिया था। गर्जना के साथ पीओके के अंदर घुसे भारतीय लड़ाकू विमानों के हमले से यह इलाका थर्रा उठा था। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। इससे ठीक 12 दिन पहले 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के 40 जवान शहीद हो गए थे। बालाकोट हमले के ठीक अगले दिन यानी 27 फरवरी को पाकिस्तान भी भारत पर ऐसा ही एक हमला करने वाला था लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो पाया था। पाकिस्तानी वायुसेना 20 विमानों के साथ आई थी, जिनमें अमेरिका का एफ-16, फ्रांस के मिराज-III एस और चीन का जेएफ-17 शामिल था। इनके साथ ही उसने 11 एक हजार किलो के एच-4 बमों को अपने क्षेत्र में 50 किमी. की रेंज से तीन लक्ष्यों को निशाना बनाते हुए गिराया था लेकिन सभी निशाने नाकाम रहे। पाकिस्तानी वायुसेना ने मिराज-III एस से एच-4 बमों को काफी दूरी से गिराया था। यह उसी क्षमता के बम थे जो भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में गिराए थे। एच-4 बमों को पाकिस्तान ने साउथ अफ्रीका की सहायता से बनाया है। इन हमलों में से एक जम्मू कश्मीर स्थित सेना के कैंप पर किया गया था लेकिन उस इमारत में लगे मोटे पेड़ ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया। यह बम पुंछ और अन्य सेक्टरों के तीन स्थानों पर गिराए गए थे। पाकिस्तानी विमान अलग-अलग एयरबेस से उड़ान भरने के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 27 फरवरी को एकत्रित हुए थे। पाकिस्तान ने एयर टू एयर मिसाइल दागने के लिए अपने सबसे एडवांस विमान एफ-16 का इस्तेमाल किया था। मिराज-III एस का इस्तेमाल ग्राउंड मिसाइल हमले के लिए किया गया। उसी दौरान भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने मिग-21 से आर-73 मिसाइल दागते हुए पाकिस्तान का एफ-16 लड़ाकू विमान गिरा दिया था। भारत के सख्त रुख ने पाकिस्तान को अभिनंदन वर्धमान को सही सलामत भारत भेजने पर मजबूर कर दिया था। एक मार्च, 2019 को वह अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत वापस आए थे। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत

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