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मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़ने को लेकर अन्नाद्रमुक, द्रमुक में तनातनी

चेन्नई, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के मुख्य समन्वयक अन्नाद्रमुक ओ. पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा है कि द्रमुक के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने केरल के सामने किसानों के हितों को गिरवी रख दिया है। अन्नाद्रमुक नेता ने कहा कि यह पहली बार है जब मुल्लापेरियार का पानी शुक्रवार को उसके तीन स्पिलवे शटर से छोड़ा गया। केरल के मंत्री और अधिकारी वहां मौजूद थे। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि तमिलनाडु सरकार की यह कार्रवाई राज्य के किसानों के हितों के खिलाफ है। तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री और द्रमुक के वरिष्ठ नेता एस दुरईमुरुगन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हम कुछ वर्गों द्वारा लगाए गए आरोपों का ²ढ़ता से खंडन करते हैं। मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार, केरल के जल संसाधन मंत्री वहां मौजूद थे, लेकिन शटर तमिलनाडु के अधिकारियों ने ही खोले थे। उन्होंने कहा कि कुछ वर्गों के आरोप है कि बांध को गलत मकसद से खोला गया है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और दोनों राज्यों के लोगों के हित में इस तरह की फर्जी खबरें न फैलाने का आग्रह किया। दुरईमुरुगन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि बांध का रखरखाव और संचालन तमिलनाडु सरकार करती है, और मुल्लापेरियार बांध में पानी को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार नियंत्रित किया जाता है। राज्य के जल संसाधन मंत्री ने यह भी कहा कि 30 नवंबर से बांध का जलस्तर 142 फीट तक बढ़ा दिया जाएगा। पन्नीरसेल्वम ने जल स्तर 142 फीट तक पहुंचने से पहले बांध को खोलने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की थी। दक्षिण तमिलनाडु के थेनी जिले के रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार से यह भी पूछा था कि क्या बांध से पानी छोड़े जाने से प्रभावित राज्य के पांच दक्षिणी जिलों में किसान संगठनों के साथ कोई परामर्श किया गया है। हालांकि, दुरईमुरुगन ने कहा कि स्पिलवे शटर खोलने से पहले सभी सावधानियां बरती गईं और उन्होंने किसानों को शटर खोलने के निर्णय के बारे में आश्वस्त किया। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि अनावश्यक विवादों की कोई जरूरत नहीं है और इससे राज्य की छवि खराब होगी। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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