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एजी का पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार

नई दिल्ली, 27 फरवरी (हि.स.) । अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार किया। अटार्नी जनरल ने कहा कि मैंने पूर्व चीफ जस्टिस का पूरा इंटरव्यू देखा है। उनके बयान का मकसद संस्था की भलाई के लिए था, न कि लोगों की नज़र में न्यायपालिका की साख गिराने का। आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पत्र लिखकर पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की थी। पत्र में कहा गया था कि पूर्व चीफ जस्टिस ने पिछले दिनों एक टीवी कार्यक्रम में न्यायपालिका को लेकर कई ऐसी टिप्पणी की है, जो अवमानना के दायरे में आती है। पत्र में कहा गया था कि पूर्व चीफ जस्टिस ने पिछले 12 फरवरी को एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में ये कहा था कि आप चाहते हैं कि आपकी अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन की हो जाए लेकिन आपकी न्यायपालिका जीर्ण अवस्था में हो। पत्र में कहा गया था कि पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा था कि जब आप कोर्ट जाते हैं तो अपने दाग धुलवाने के लिए जाते हैं। पत्र में कहा गया था कि पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में दौलतमंद ही पहुंच पाते हैं। आपकी राय न्यायपालिका के प्रति बहुत सकारात्मक नहीं है। कई सारे जज ऐसे हैं जो मीडिया की आलोचना की वजह से झुक जाते हैं। गौरतलब है कि कोर्ट की अवमानना का मामला चलाने के पहले अटार्नी जनरल की सहमति लेनी होती है। उसके बाद ही कोर्ट की अवमानना का मामला चलता है। हिन्दुस्थान समाचार/ संजय

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