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कैबिनेट की मंजूरी के बाद आज सदन में 2021-22 का बजट पेश करेगी योगी सरकार

-मुख्यमंत्री योगी बोले, प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रथम पेपरलेस बजट करेंगे प्रस्तुत -सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास पर आधारित है बजट: सुरेश खन्ना लखनऊ, 22 फरवरी (हि.स.)। योगी सरकार आज विधानमंडल में वित्तीय वर्ष 2021-22 का पेपरलेस बजट पेश करेगी। सदन में बजट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई है। इसमें बजट पर मुहर लगेगी। सदन में बेजट पेश होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया कि कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से आज उत्तर प्रदेश सरकार अपना प्रथम पेपरलेस बजट प्रस्तुत करेगी। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना दिन में पूर्वाह्न 11 बजे पेपरलेस बजट पेश करेंगे। उन्होंने आज बताया कि यह बजट सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास पर आधारित है। बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। यह आम जनता का बजट होगा। प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस बजट से हर वर्ग को बड़ी उम्मीद है। माना जा रहा है कि जिस तरह राज्य सरकार ने हर वित्तीय वर्ष में बजट का आकार बढ़ाया है, उसी तरह ये पांचवां बजट भी भारी भरकम होगा। यह बजट युवाओं, किसानों और महिलाओं पर केंद्रित होगा। इसके साथ इंफ्ररास्ट्रक्चर के जरिए विकास को रफ्तार देने की कोशिश भी बजट में दिखेगी। बजट में सरकार श्रमिकों, किसानों, बेरोजगारों व महिलाओं को राहत देने के लिए नई योजनाएं ला सकती है। कोरोना संकट के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को बड़ा बजट देते हुए कोरोना वैक्सीन सभी के लिए मुफ्त करने की घोषणा हो सकती है। बजट में हर वर्ग की उम्मीदें पूरी करने की कोशिश होगी। विधान मंडल में प्रस्तुत होने के उपरांत बजट 'उत्तर प्रदेश सरकार का बजट' ऐप एवं उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट- budget.up.nic.in पर उपलब्ध होगा। ऐप गूगल प्ले स्टोर एवं ऐपल आई स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 के आय-व्यय (बजट) व इससे जुड़े विनियोग विधेयक तथा भूतपूर्व सैनिकों को समूह ‘ख’ की नौकरियों में आरक्षण से संबंधित विधेयक के मसौदे को भी मंजूरी मिल सकती है। कोरोना काल के बाद कैबिनेट की यह पहली बैठक है, जिसमें सभी कैबिनेट मंत्रियों व प्रस्ताव से जुड़े राज्यमंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) को प्रत्यक्ष रूप से बुलाया गया। इसके पूर्व प्रस्ताव से जुड़े मंत्री बैठक में शामिल होते थे जबकि अन्य मंत्री वर्चुअल तरीके से जुड़ते थे। मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष अक्तूबर में भूतपूर्व सैनिकों को समूह ‘ख’ के पदों पर पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उन्होंने इस निर्णय पर अमल के लिए कार्मिक विभाग को यूपी लोक सेवा अधिनियम-1993 की धारा(1) खंड (एक-क) में संशोधन की कार्यवाही का निर्देश दिया था। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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