फतेहपुर जिले में योग की अलख जगा रहे आचार्य कमलेश योगी
फतेहपुर जिले में योग की अलख जगा रहे आचार्य कमलेश योगी

फतेहपुर जिले में योग की अलख जगा रहे आचार्य कमलेश योगी

- स्वामी बाबा रामदेव के मिशन से जुड़कर लोगों को दे रहे योग की शिक्षा - दस वर्ष से चला रहे योग कक्षाएं, लोगों को बना रहे स्वस्थ - हर कस्बा व गांव में संचालित की है योग कक्षायें देवेन्द्र वर्मा फतेहपुर, 14 जून (हि.स.)। मनुष्य के शरीर व मन को स्वस्थ रखने सबसे कारगर यदि कोई विद्या व चिकित्सा पद्धति है तो वह है योग। जिसकी खोज भारत के मनीषियों ने की और पूरे विश्व के मनुष्यों को स्वस्थ रहने की एक जीवन शैली से परिचित कराया। आज योग की महत्व को सभी ने स्वीकार करते हुए अपने जिन्दगी में उसे अपना भी रहे हैं। योग की उपयोगिता को स्वामी बाबा रामदेव के प्रयास से पुर्नजीवन मिला। उनके द्वारा पूरे देश के कोने-कोने में योग की कक्षाएं सुबह दिखने लगी हैं। फतेहपुर जिले में योग की अलख जगाने का काम आचार्य कमलेश योगी दस वर्ष से कर रहे हैं। उनके अथक प्रयास से शहर हो या कस्बा व गांव सभी जगह नियमित कक्षायें हर सुबह लगती हैं जहां लोग योग के महत्व को स्वयं व्यायाम कर अपने जीवन में महसूस कर रहे हैं और स्वस्थ जीवन का आनन्द भी प्राप्त कर रहे हैं। जिला मुख्यालय के कचहरी के पास स्थित पटेल प्रेक्षागृह में लगभग 15 वर्ष पूर्व स्वामी बाबा रामदेव की प्रेरणा से आचार्य फूलचंद ने जिले में पहली योग कक्षा शुरू हुई थी। जो आज योग के प्रति अपनी निष्ठा कर्मठता व लगन की बदौलत स्वामी बाबा रामदेव के अनन्य व सबसे प्रिय सहयोगी के रूप में पंतजलि योग पीठ हरिद्वार में सेवा प्रदान कर रहे हैं और स्वामी परमार्थ देव के रूप में ख्यातिलब्ध है। आज जिले में उनकी रखी नींव को आगे बढ़ाने का काम आचार्य कमलेश योगी कर रहे हैं उनके प्रयास से जिले में योग की कक्षाएं गांव-गांव तक लगने लगी है। ये योग कक्षाएं लोगों को स्वस्थ जीवन की प्रेरणा दे रही हैं और योग के महत्व का प्रचार प्रसार कर रही है। कोरोना महामारी में भी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अब फिर से योग कक्षाएं लगने लगी हैं। योग शिक्षक आचार्य कमलेश योगी क कहना है कि योग जीवन का सार है। सुबह-सुबह आधा घंटा योग करने से शरीर व मन स्वस्थ रहता है। शरीर में ऊर्जा व स्फूर्ति का हमेशा संचार बना रहता है। योगी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है। जिसमें स्वस्थ जीवन के लिए एक भी रुपया अतिरिक्त बरबाद नहीं होता और शरीर को कोई बीमारी ग्रसित नहीं कर पाती है। खास बात यह है कि योग करने से मन के विकार दूर रहते हैं। जिससे व्यक्ति अपने परिवार, देश व समाज के विकास में अपना सम्पूर्ण योगदान देने सक्षम बनता है। उन्होंने बताया कि स्वामी परमार्थ देव ने जो विरासत मुझे सौंपी थी उसे मैं अनवरत रूप से दस वर्ष से संभाल कर अपना निभा रहा हूं। शहर में करीब एक चर्जन योग कक्षाएं आज सुचारू रूप से चल रही है। बिन्दकी, खागा हथगाम, किशनपुर, बहुआ, अमौली, औंग, मलवां, हुसैनगंज सहित करीब दो 240 गांवों में योग कक्षाएं का विस्तार किया जा चुका है। लोग योग के प्रति अब जागरूक हुए हैं। स्वामी बाबा रामदेव जी ने जो अलख जगाई उसे मैं जिले में जन-जन तक पहुचाने का प्रयास कर रहा हूं और लोगों में योग के प्रति अब रूचि बढ़ रही है। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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