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मध्‍य प्रदेश में सकारात्मक ऊर्जा से 81 वर्ष के बुजुर्ग ने दी कोरोना को मात

भोपाल, 29 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश में कोरोना से पीड़ित 81 वर्षीय बुजुर्ग दुर्गा प्रसाद त्रिवेदी ने अपना हौंसला बुलंद रखते हुए सकारात्मक ऊर्जा के साथ कोरोना को मात दी है। कुछ दिनों पूर्व उन्होंने अपनी कोरोना जांच करवाई थी। जाँच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज शहडोल के कोविड-19 वार्ड में भर्ती किया गया था। सही समय पर मिले उचित उपचार के साथ बुजुर्ग दुर्गा प्रसाद त्रिवेदी सकारात्मक ऊर्जा के अनुकरणीय उदाहरण बन गए। उन्होंने उपचार के दौरान अपनी हिम्मत बनाये रखी और सकारात्मक सोच एवं ऊर्जा से कोरोना को मात दी। अब वे पूर्णतः स्वस्थ हैं और अन्य कोरोना मरीजों के लिए रोल मॉडल साबित हो रहे हैं। त्रिवेदी उत्साह के साथ बताते हैं कि यदि व्यक्ति में सकारात्मक सोच, सकारात्मक ऊर्जा के साथ दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो वह कोरोना बीमारी को भी हरा कर अपनी जिंदगी का विजय परचम लहरा सकता है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन एवं मेडिकल कॉलेज शहडोल के चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ की अभूतपूर्व चिकित्सकीय सेवा मेरे लिए वरदान साबित हुई है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। मास्क का उपयोग करें। दो गज की दूरी का पालन करें तथा साबुन या सैनिटाइजर से बार-बार हाथ धोयें। अनावश्यक घर से बाहर न निकलें और भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें। शासन, प्रशासन के साथ सभी के समन्वित प्रयासों से ही कोरोना महामारी को हराया जा सकता है। बुजुर्ग दुर्गा प्रसाद त्रिवेदी ने यह भी कहा कि हर व्यक्ति के पास सकारात्मक सोच एवं सकारात्मक ऊर्जा का भंडार रहता है। आवश्यकता इस बात की है उसे सही रूप में इस्तेमाल किया जाए। यदि मन में दृढ़ विश्वास हो तो सामान्य कोरोना के मरीज होम आइसोलेशन में रहकर शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई मेडिकल किट, रोग प्रतिरोधक काढ़े एवं दवाओं का उपयोग कर अपने को सुरक्षित कर सकता है। इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि जिन लोगों ने नई शासन की बनाई व्यवस्था में टीकाकरण के लिए पंजीयन नहीं कराया है, वह अपना रजिस्ट्रेशन समय पर अतिशीघ्र करवाएं और वैक्सीन जरूर लगवाएं। क्योंकि टीकाकरण ही वह माध्यम है, जो लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगा और सकारात्मक ऊर्जा एवं सोच को भी मजबूत करेगा। साथ ही हर हाल में अपने मनोबल को ऊंचा बनाने रखने का आग्रह भी त्रिवेदी ने किया है। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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