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इसरो तट रक्षक ट्रांसमीटर के सिग्नल के जरिए बचाए गए 7 मछुआरे

चेन्नई, 2 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारतीय तटरक्षक बल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक संकट चेतावनी ट्रांसमीटर (डीएटी) के संकेत के जरिए समुद्र में फंसे सात मछुआरों को बचाया गया। तटरक्षक बल के अनुसार, एक तेज समुद्र वायु समन्वित खोज और बचाव अभियान में, इसने गुरुवार को पोर्ट ब्लेयर से लगभग 350 किमी दक्षिण में तिलनचोंग द्वीप पर सात चालक दल के साथ संकटग्रस्त मछली पकड़ने वाली नाव का पता लगाया और उसे बचाया। मैरीटाइम रेस्क्यू को ऑर्डिनेशन सेंटर पोर्ट ब्लेयर को 30 जून को सुबह करीब 11.30 बजे अपंजीकृत डीएटी अलर्ट मिला। चूंकि अलर्ट एक अपंजीकृत डीएटी से सक्रिय किया गया था, नाव और उसके मालिक का विवरण तटरक्षक बल के पास उपलब्ध नहीं था। जल्द ही यह पता चला कि मछली पकड़ने वाली नाव आरएसएन 2 को डीएटी जारी किया गया था और सात चालक दल वाली नाव मछली पकड़ने के लिए 28 जून को पोर्ट ब्लेयर से रवाना हुई थी। एक समन्वित खोज और बचाव (एसएआर) ऑपरेशन तुरंत शुरू किया गया था और तटरक्षक जहाज सी -422, विश्वस्त और डोर्नियर विमानों को क्षेत्र में खोज के लिए काम सौंपा गया था और संकटग्रस्त नाव तिलनचोंग द्वीप से दूर स्थित थी। मछली पकड़ने वाली नाव को तटरक्षक जहाज द्वारा कामोर्टा ले जाया गया। तटरक्षक बल ने कहा, मौजूदा मामले ने एक बार फिर मछली पकड़ने वाली नौकाओं द्वारा डीएटी की ढुलाई के महत्व को उजागर किया है और संकट के समय समुद्र में जीवन बचाने में इसकी प्रभावशीलता साबित हुई है। इसरो और आईसीजी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित, डीएटी मछुआरों के लिए बनाया गया एक स्वदेशी, कम लागत वाला और प्रभावी उपग्रह ट्रांसमीटर है जो एक बटन के प्रेस के साथ तुरंत इन्सैट उपग्रहों के माध्यम से एसएआर अधिकारियों को संकट की चेतावनी देता है। तटरक्षक बल ने विभिन्न मंचों पर न केवल भारतीय मछुआरों द्वारा डीएटी के वहन के महत्व को दोहराया है, बल्कि समय पर एसएआर प्रतिक्रिया को प्रभावी करने के लिए मछुआरों द्वारा डीएटी पंजीकरण के महत्व पर भी जोर दिया है। --आईएएनएस एमएसबी/एएनएम

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