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दिल्ली में डेंगू के अब तक 480 मामले दर्ज, अकेले अक्टूबर महीने में ही 139 मामले

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली में डेंगू का खतरा हर सप्ताह बढ़ता जा रहा है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष 9 अक्टूबर तक डेंगू के 480 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं बीते हफ्ते में डेंगू के कुल 139 मरीज सामने आए हैं। सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष 9 अक्टूबर तक डेंगू के 480 मामले सामने आए, वहीं बीते वर्षों की बात करें तो 2019 में जनवरी से इस वक्त तक 467 और 2020 में 316 कुल मामले सामने आए थे। यानी बीते 2 वर्षों के मुकाबले इस बार सबसे अधिक मामले मिले हैं। दरअसल गर्मी और बारिश के मौसम में डेंगू, मलेरिया ज्यादा फैलता है। डेंगू से संक्रमित होने पर प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है। डेंगू बुखार आने पर सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने लगता है, वहीं आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, गले में दर्द भी होता है। डेंगू के अलावा राजधानी में मलेरिया और चिकनगुनिया के 127 और 62 मामले दर्ज हुए हैं। हालांकि, दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से अब तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। यदि हम पिछले कुछ वर्षों में बात करें तो 2016 और 2017 में डेंगू के कारण 10-10 मौतें हुई थीं। वहीं 2018, 2019 और 2020 में 4, 2 और 1 मौत हुई थी। रिपोर्ट अनुसार, दक्षिणी निगम में अब तक कुल 141 मामले सामने आए हैं, वहीं उत्तरी निगम क्षेत्र में 114 और पूर्वी निगम क्षेत्र में 56 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र में 20, दिल्ली कैंट में 13 मरीज तो वहीं 133 मरीजों के पते की पुष्टि नहीं हो सकी है। दरअसल डेंगू के मच्छर साफ और स्थिर पानी में पैदा होते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं। यदि इस साल में अब तक मामलों की बात करें तो दिल्ली में जनवरी महीने में डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया था, वहीं फरवरी में 2, मार्च में 5, अप्रैल में 10 मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा मई महीने में 12 मामले सामने आये तो जून महीने में 7, जुलाई में 16, अगस्त महीने में 72 मामले सामने आए और सितंबर महीने में 217 दर्ज किए गए। दरअसल डेंगू व चिकनगुनिया के मच्छर ज्यादा दूर तक नहीं जाते हैं। हालांकि जमा पानी के 50 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए परेशानी हो सकती है। हालांकि दूसरी ओर निगम भी लगातार लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है, वहीं मामलों की संख्या बढ़ने के साथ ही बैठकें की जा रही हैं और किस तरह इस पर काबू पाया जाए इसपर भी चर्चा हो रही है। --आईएएनएस एमएसके/एएनएम

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