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'धनवंतरी सेवा यात्रा' का उद्देश्य चिकित्सा सेवा के साथ एकजुटता और सद्भाव का निर्माण: डॉ. कृष्ण गोपाल

गुवाहाटी (असम), 08 फरवरी (हि.स.)। 'धन्वंतरी सेवा यात्रा' का उद्देश्य केवल चिकित्सा सेवाएं नहीं है बल्कि चिकित्सा सेवा का एक मुख्य उद्देश्य एकजुटता और सद्भाव का निर्माण करना है। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्णगोपाल ने सेवा भारती पूर्वांचल और नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (एनएमओ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 'धनवंतरी सेवा यात्रा’ के उद्घाटन समारोह में कही। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ कृष्णगोपााल ने कार्यक्रम में उपस्थित सैकड़ों डॉक्टरों, जूनियर डॉक्टरों और प्रशिक्षु डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्टरों को पूर्वोत्तर के दूरदराज के क्षेत्रों में कोई आधुनिक व्यवस्था नहीं मिलेगी जहां वे चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए जाएंगे। स्थानीय गरीबों के घरों में आवास और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। उनके आतिथ्य का गर्मजोशी से स्वागत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप जहां जा रहे हैं, वहां पर आपको अपने खाने की आदतों जैसा भोजन नहीं मिलेगा। हालांकि, जो मिलेगा यही सद्भाव और एकता का निर्माण करेगा। डॉ कृष्णगोपाल ने उन परिस्थितियों का वर्णन किया जिनके तहत वर्ष 2005 में संघ के वर्तमान असम के क्षेत्र प्रचारक उल्लास कुलकर्णी और दिलीप सरकार की पहल पर उत्तर-पूर्व में कुछ डॉक्टरों के साथ धन्वंतरी सेवा यात्रा शुरू हुई थी। उन्होंने सेवा भारती पूर्वांचल के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तार से बताया। उद्घाटन समारोह में मंच पर मौजूद अन्य लोगों में सेवा भारती पूर्वांचल के अध्यक्ष रामेन शर्मा, 'धन्वंतरि सेवा यात्रा -21' की स्वागत समिति के अध्यक्ष प्रभातकमल बेजबरुवा, डॉ सत्येन चौधरी और एनएमओ के अखिल भारतीय महासचिव विश्वम्भर सिंह आदि मौजूद थे। उपरोक्त सभी ने 'धन्वंतरी सेवा यात्रा' और सेवा भारती पूर्वांचल की गतिविधियों के बारे में विभिन्न जानकारी देते हुए अपनी बातों को साझा किया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में आरएसएस के असम क्षेत्र प्रचारक उल्लास कुलकर्णी, आरएसएस की अखिल भारतीय कार्य समिति के सदस्य गौरीशंकर चक्रवर्ती, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ दिलीप सरकार, असम परिवहन निगम के निदेशक (आईपीएस) आनंदप्रकाश तिवारी, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य अच्युत वैश्य, बरपेटा स्थित फकरुद्दीन अली अहमद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ रामेन तालुकदार, लोवर असम के कमिश्नर शांतनु गोटमार, सेवा भारती पूर्वांचल के सांगठनिक सचिव सुरेंद्र तेलखेड़कर, सचिव राजीव गुप्ता के साथ ही अन्य कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। उद्घाटन समारोह के बाद डॉक्टरों की टीम उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों में पांच से छह के समूहों में दूरदराज के क्षेत्रों के लिए रवाना हो गई है। वे अपने साथ विभिन्न रोगों के लिए दवाएं और आवश्यक चिकित्सा उपकरण भी ले गये हैं। वे आधुनिक दुनिया की रोशनी से वंचित गरीबों की लगातार सात दिनों तक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेंगे। देश और राज्य के विभिन्न हिस्सों से विशेषज्ञ, सामान्य और प्रशिक्षु डॉक्टर भी पहाड़ी क्षेत्रों में माताओं को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान किए जाने वाले उपायों के बारे में जागरूक करेंगे। 13 फरवरी की रात तक दूरदराज के इलाकों से डॉक्टर गुवाहाटी लौट आएंगे। अगले दिन, 14 फरवरी को आदिमगिरी में सेवा भारती जनजाति छात्रावास के सभागार में समापन समारोह में डॉक्टर अपनी सेवा यात्रा के अनुभव को साझा करेंगे। पूर्वोत्तर के दूरस्थ क्षेत्रों के संकटग्रस्त नागरिकों को चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए सात दिवसीय 'धन्वंतरि सेवा यात्रा -2021' रविवार से शुरू हो गई है। 18वीं धनवंतरी सेवा यात्रा-2021 के उद्घाटन के बाद गुवाहाटी के मालीगांव स्थित आदिमगिरी में सेवा भारती जनजति छात्रावास के सभागार में देश के विभिन्न राज्यों और असम के 150 से अधिक वरिष्ठ चिकित्सक और जूनियर डॉक्टर पूर्वोत्तर क्षेत्र के दूरदराज के लिए रवाना हो गए। हिन्दुस्थान समाचार / समीप/ अरविंद/ प्रभात-hindusthansamachar.in

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