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प्रधानमंत्री मोदी व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के बीच 100 मिनट हुई बातचीत

अनूप शर्मा नई दिल्ली, 08 जून (हि.स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मराठा आरक्षण, एनडीआरएफ के नियमों में ढील और जीएसटी बकाया जैसे विषयों पर लंबी चर्चा की। इन मसलों पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ठाकरे के बीच करीब 100 मिनट की बातचीत हुई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री से मिलने एक शीर्ष प्रतिनिधिमंडल के साथ गए थे। इनमें राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और कांग्रेस नेता व राज्य में मंत्री अशोक चव्हाण शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री ठाकरे ने प्रधानमंत्री के साथ उठाए गए मुद्दों पर पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्रकार वार्ता में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष 12 विषयों को उठाया और उन पर विस्तार से चर्चा की। इनमें मराठा आरक्षण, अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाला आरक्षण, पदोन्नति में आरक्षण, वस्तु एवं सेवा कर की बकाया राशि समेत कई विषय शामिल थे। इसके अलावा मेट्रो कार शेड परियोजना-3 के लिए जगह की मांग, फसल बीमा, एनडीआरएफ के क्षतिपूर्ति के नियमों में ढील, मराठी भाषा को प्राचीनतम भाषा श्रेणी में रखा जाने जैसी मांग थी। उन्होंने कहा कि राजनीति को अलग रखते हुए हमारे बीच सौहार्दपूर्ण चर्चा हुई। हमने प्रधानमंत्री के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने हमें उन पर गौर करने का आश्वासन दिया है। हमने मेट्रो कार शेड के लिए कांजुर मार्ग प्लॉट के हस्तांतरण पर चर्चा की। कांग्रेस नेता और राज्य में मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा को हटाने के लिए हस्तक्षेप करें। हमने उन्हें कोर्ट में इसके लिए दबाव बनाने का अनुरोध किया। 50 प्रतिशत की सीमा चुनावों में ओबीसी आरक्षण सहित विभिन्न प्रकार से दिए जाने वाले आरक्षण को प्रभावित कर रही है। मंत्री चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण और अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के विषय पर केंद्र सरकार को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। प्रेस वार्ता में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि जीएसटी को लेकर महाराष्ट्र का 24 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है। केंद्र को इसे जल्द से जल्द राज्य को हस्तांतरित करना चाहिए। अजित पवार ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि वे राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में 12 सदस्यों के नामांकन के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल को निर्देश दें। राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे की यह प्रधानमंत्री मोदी से दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले पुणे में डीआईजी और आईजीपी कॉन्फ्रेंस में भाग लेने पहुंचे प्रधानमंत्री के साथ वर्ष 2019 में भी उनकी भेंट हुई थी। ठाकरे मंगलवार सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरे और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे। पिछले महीने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर राज्य में मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा (एसईबीसी) घोषित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया था, ताकि वे शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में कम से कम 12 प्रतिशत और 13 प्रतिशत आरक्षण का दावा कर सकें। हिन्दुस्थान समाचार

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