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जनरल रावत के साले का आरोप : पुश्तैनी जमीन पर बनीं समाधियों पर बुलडोजर चला दिया

भोपाल, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ अन्य 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर शहर के पास एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो जाने के एक हफ्ते बाद उनके साले (मधुलिका रावत के भाई) यशवर्धन सिंह ने केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के सुहागपुर कस्बे के मूल निवासी सिंह ने मंगलवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि उनके गृहनगर (सुहागपुर) में उनकी जमीन पर उनसे सलाह लिए बिना सड़क बना दी गई। सिंह ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण के लिए प्रशासन ने उनके पूर्वजों के समाधि स्थल पर बुलडोजर चला दिया और कई पेड़ों को भी काट दिया गया। उन्होंने कहा, जब मेरे जीजा जी (जनरल रावत) और दीदी (बहन) का अंतिम संस्कार दिल्ली में चल रहा था, उसी समय केंद्र के निर्देश पर एक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया। इसके अलावा, जब मैंने इस सड़क निर्माण पर आपत्ति जताई तो मेरे खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया गया। हालांकि, सिंह ने यह नहीं बताया कि किस विभाग ने आपत्ति करने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। मामले की सत्यता का पता लगाने के लिए आईएएनएस ने शहडोल जिले की कलेक्टर वंदना वैद्य से बात की। कलेक्टर ने कहा, हां, यशवर्धन सिंह ने 2016 में सड़क (राष्ट्रीय राजमार्ग) निर्माण के लिए अपनी जमीन का एक हिस्सा दिया था। उन्हें अपनी जमीन के लिए 2,77,000 रुपये का मुआवजा मिला है। इसके अलावा, सड़क के चौड़ीकरण के दौरान भूमि के एक और हिस्से की जरूर पड़ी, तब 0.56 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की गई। वंदना वैद्य ने आगे कहा, यह शहडोल में मेरी पोस्टिंग से पहले हुआ था। जांच के दौरान यह सामने आया है कि सड़क निर्माण के लिए कुछ पेड़ों को भी काटा गया और यह मुख्य मुद्दा था। मैंने यशवर्धन से बात की है और उनसे अनुरोध किया है कि जब भी वह नई दिल्ली से शहडोल आएं तो मेरे कार्यालय आएं। समाधि स्थल पर बुलडोजर चलाए जाने की शिकायत पर वंदना ने कहा, वह हिस्सा भी सड़क निर्माण के लिए सरकार को दी गई भूमि का हिस्सा था। लेकिन जो गलत हुआ, वह यह था कि समाधि स्थल के हिस्से पर खुदाई करते समय श्रमिकों ने ध्यान नहीं दिया। जनरल बिपिन रावत की पत्नी मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के एक शाही परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता (दिवंगत) मृगेंद्र सिंह शहडोल जिले के सुहागपुर कस्बे के रियासतदार थे। उनके पिता 1967 में और फिर 1972 में सुहागपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक (कांग्रेस) चुने गए। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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