(अपडेट) प्रधानमंत्री मोदी एएमयू के शताब्दी कार्यक्रम में बोले, राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हर मतभेद रखें किनारे

(अपडेट) प्रधानमंत्री मोदी एएमयू के शताब्दी कार्यक्रम में बोले, राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हर मतभेद रखें किनारे
(अपडेट) प्रधानमंत्री मोदी एएमयू के शताब्दी कार्यक्रम में बोले, राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हर मतभेद रखें किनारे

-कहा, पिछली शताब्दी में मतभेदों के नाम पर समय हुआ जाया, अब नहीं गंवाए लखनऊ/अलीगढ़, 22 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के शताब्दी समारोह को वर्चुअल सम्बोधित किया। उन्होंने एएमयू के 100 साल पूरे होने के मौके पर एक विशेष डाट टिकट जारी किया। एएमयू के योगदान की सराहना करने के साथ राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हर मतभेद को किनारे करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने बिना समय गंवाए आत्मनिर्भर भारत की पैरवी की। बेटियों की ज्यादा से ज्यादा शिक्षा पर जोर देने के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और सरकार सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए । जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें। हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है। लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं। सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है। पूरी दुनिया की नजर भारत पर, लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ें उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है, उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है, इसे लेकर सब उत्सुक हैं। इसलिए हम सबका एकनिष्ठ लक्ष्य ये होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं। उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है। अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है। मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, आगे बढ़ने के मिले समान अवसर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिलें, सभी अपने सपने पूरे करें। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है। उन्होंने कहा कि देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है। पहले मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70 प्रतिशत से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30 प्रतिशत रह गया है। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं। नई शिक्षा नीति में छात्र-छात्राओं की जरूरतों पर सबसे ज्यादा ध्यान प्रधानमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा 'नेशन फर्स्ट' के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एक सशक्त महिला का हर फैसले में उतना ही योगदान होता है, जितना किसी और का। फिर चाहे बात परिवार को दिशा देने की हो या देश को। प्रधानमंत्री ने देश की अन्य शिक्षा संस्थानों से भी ज्यादा से ज्यादा बेटियों को शिक्षा से जोड़ने की अपील की। स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में करें रिसर्च उन्होंने कहा कि एएमयू के सौ साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे में सौ हॉस्टल के छात्र कुछ रिसर्च करें। आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में रिसर्च करें, जिनके बारे में अब तक काफी कम लोग जानते हैं। इनमें 75 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, 25 महिला स्वतंत्रता सेनानी के बारे में जानकारी इकट्ठा करें। उत्कृष्ट इस्लामिक रिसर्च के एक केंद्र के रूप में, एएमयू पर भारत के मूल्यों और लोकाचारों को दुनिया में फैलाने की दोहरी जिम्मेदारी भी है। एएमयू में नजर आया एक मिनी भारत उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के समय एएमयू ने जो मदद की, वह अमूल्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले चांसलर की एक चिठ्ठी मिली है। उन्होंने वैक्सीन में हर मदद का भरोसा दिया है। एएमयू में एक मिनी भारत नजर आया है। यहां एक ओर उर्दू तो दूसरी ओर हिंदी पढ़ाई जाती है। फारसी है तो संस्कृत भी है। कुरान के साथ गीता भी पढ़ाई जाती है। यही देश की ताकत है। इसे कमजोर नहीं होने देंगे। इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है रिसर्च उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने जिस तरह समाज की मदद की, वो अभूतपूर्व है। हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट करवाना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान देना, समाज के प्रति आपके दायित्वों को पूरा करने की गम्भीरता को दिखाता है। बीते सौ वर्षों में एएमयू ने दुनिया के कई देशों से भारत के सम्बन्धों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है। बिना किसी मत-मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही योजनाएं उन्होंने कहा कि आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं। बिना किसी भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना किसी भेदभाव 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना किसी भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला। बिना किसी भेदभाव आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ। उन्होंने कहा कि जो देश का है वो हर देशवासी का है और इसका लाभ हर देशवासी को मिलना ही चाहिए, हमारी सरकार इसी भावना के साथ काम कर रही है। उच्च शिक्षा में नामांकन और सीटें बढ़ाने के लिए लगातार कर रहे काम प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षा में नामांकन की संख्या बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 आईआईटी थीं। आज 23 आईआईटी हैं। वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 आईआईटी थीं। आज 25 आईआईटी हैं। वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 आईआईएम थे। आज 20 आईआईएम हैं। चिकित्सा शिक्षा को लेकर भी बहुत काम किया गया है। छह साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे। आज देश में 22 एम्स हैं। शिक्षा चाहे ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं। भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं एएमयू से पढ़े लोग उन्होंने कहा कि आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं। एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। आज विभिन्न विभागों के भवनों का खूबसूरती से सजाया गया है। ये सिर्फ बिल्डिंग ही नहीं हैं, इनके साथ शिक्षा को जो इतिहास जुड़ा है, वो भारत की अमूल्य धरोहर है। प्रधानमंत्री ने एएमयू के शताब्दी समारोह के इस ऐतिहासिक अवसर पर अपनी खुशियों के साथ जुड़ने का मौका देने के लिए यूनिवर्सिटी का आभार भी जताया। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/रामानुज-hindusthansamachar.in

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