सर्वोच्च न्यायालय ने जन-प्रदर्शनों, आन्दोलनों, बन्द, रास्ता जाम, रेल रोको जैसी स्थितियों के बारे में जो ताजा फैसला किया है, उस पर लोकतांत्रिक मूल्यों की दृष्टि से गंभीर चिन्तन होना चाहिए, नयी व्यवस्थाएं बननी चाहिए। भले ही उससे उन याचिकाकर्ताओं को निराशा हुई होगी, जो विरोध-प्रदर्शन के अधिकार के लिए क्लिक »-www.prabhasakshi.com