नेशनल वाइल्ड लाइफ को पक्षकार बनाने के  निर्देश
नेशनल वाइल्ड लाइफ को पक्षकार बनाने के निर्देश

नेशनल वाइल्ड लाइफ को पक्षकार बनाने के निर्देश

नैनीताल, 26 जून (हि.स.)। उत्तराखंड हाइकोर्ट ने नंधौर वन्यजीव अभ्यारण के इको सेंसेटिव जोन के 2.5 किलोमीटर की परिधि में संचालित लक्ष्मी स्टोन क्रेशर व आरजे एसोसिएट को बंद कराने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को नेशनल वाइल्ड लाइफ को पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तिथि नियत की है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार चोरगलिया हल्द्वानी निवासी कमला पोखरिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि जिलाधिकारी नैनीताल ने हाईकोर्ट व एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं कर दोनों स्टोन क्रेशरों को इको सेंसेटिव जोन में खनन व भंडारण की अनुमति दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि हाईकोर्ट ने 3 जून 2018 को आदेश पारित कर कहा था कि ऐसे क्षेत्र जो राष्ट्रीय वन्य जीव अभ्यारण की परिधि में आते हैं उसके 10 किलोमीटर परिधि में किसी भी प्रकार का खनन व भंडारण नहीं किया जाएगा। इसी आदेश के अनुपालन में नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने 4 जनवरी 2019 को आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता की ओर से जिलाधिकारी के आदेश पर रोक लगाने व दोनों स्टोन क्रेशरों को बंद किए जाने की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि इनके संचालन से वन्य जीवों के साथ उस क्षेत्र में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को नेशनल वाइल्ड लाइफ को पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तिथि नियत की। हिन्दुस्थान समाचार/लता नेगी/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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